जो इंडिया / मुंबई: मालाड (पश्चिम) के अक्सा क्षेत्र (Aksa area of Malad (west) में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से संचालित पे-एंड-पार्क सुविधा को लेकर मुंबई हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति आलोक अराध्ये और न्यायमूर्ति मकरंद एस. कर्णिक की खंडपीठ ने मामले में संज्ञान लेते हुए मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी को 12 सप्ताह के भीतर स्थल का सर्वेक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसे ‘नागरिक सेवा सुधार समिति’ के अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान शेख ने दायर किया था। याचिका में कहा गया है कि “कंसरी माता आदिवासी सामाजिक विकास संस्था” नामक संगठन ने एक पुलिस चौकी से सटी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर व्यावसायिक पार्किंग सुविधा शुरू की है।
शेख के अनुसार, उक्त भूमि का उपयोग सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, पर्यटन विकास और सार्वजनिक हित के कार्यों के लिए प्रस्तावित था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे को लेकर कई बार संबंधित प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सरकारी वकील के आश्वासन पर कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण से जुड़ा मुद्दा तथ्यात्मक है, जिसकी जांच प्रशासन को करनी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले में अंतिम निर्णय लेना जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है।