मुंबई । जूनियर कॉलेज के शिक्षकों ने 12वीं की उत्तर पुस्तिका ( answer copy) जांच पर बहिष्कार किया है और अंग्रेजी, मराठी, हिंदी (अन्य भाषा विषय), वाणिज्य संगठन और भौतिक शास्त्र विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं की गई है। राज्य के विभिन्न कॉलेजों (education news) और मुख्य परीक्षा केंद्रों में कम से कम 50 लाख उत्तर पुस्तिकाएं (50 lakh answer copy) बिना जांच के ही पड़ी हैं। वहीं राज्य सरकार के साथ बैठक की प्रति भी शिक्षकों को अभी तक नहीं मिली है। इसलिए कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ ने उत्तर पुस्तिका जांच को लेकर तब तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है, जब तक सरकार से मांगों को मानने का लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता है।
उल्लेखनीय है कि जूनियर कॉलेज के शिक्षकों द्वारा उत्तर पुस्तिका जांच पर बहिष्कार किया जा चुका है। कल इस विरोध का सातवां दिन था। अभी तक 12वीं की करीब 50 लाख उत्तर पुस्तिकाएं बिना जांच के पड़ी हैं। साथ ही सभी विषयों के मुख्य नियामकों ने राज्य बोर्ड को निवेदन दिया है कि वे बहिष्कार में भाग ले रहे हैं। कल १२वीं के विज्ञान शाखा के भौतिकी विषय के प्रधान नियामकों ने इस बहिष्कार में शामिल होने का निवेदन राज्य बोर्ड सचिव अनुराधा ओक को दिया। राज्य के सभी नौ विभागीय मंडलों में बहिष्कार के चलते नियामकों की सभा नहीं हो पाई।
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महासंघ ने जताया खेद
राज्य सरकार ने राज्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ से चर्चा किए एक सप्ताह हो गया है लेकिन उसे अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग से प्रति नहीं मिले हैं। इसे लेकर महासंघ ने खेद व्यक्त किया है। संगठन के संगठक मुकुंद आंधलकर ने कहा कि शिक्षा विभाग इस बहिष्कार आंदोलनों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। यदि बहिष्कार लंबा चला तो 12वीं के नतीजे समय पर नहीं आएंगे और इस तरह छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं से हाथ धोना पड़ेगा।