नई दिल्ली। बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से छात्रों द्वारा आरक्षण के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। और मामला उग्र होता चला गया। बांग्ला देश मे फैली हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया है। इस बीच खबर है कि बांग्लादेश में अब कट्टरपंथियों द्वारा हिंदूओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। जिसे लेकर भारत को सतर्क होने की जरूरत महसूस की गई है। अब ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बुधवार को भारत सरकार से बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए “जल्द से जल्द कार्रवाई करने” का आग्रह किया है। उनके इस बयान का तमाम हिंदूवादी संगठनों ने समर्थन किया है। और केंद्र सरकार को तत्काल इस संदर्भ में कदम उठाने को मांग की है।
बांग्लादेश में स्थानीय मीडिया ने दावा किया था कि हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने हमला किया और कम से कम 27 जिलों में उनके कीमती सामान भी लूट लिए गए। वहां हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर भारत मे हिंदूवादी संगठन चिंतित है।
सद्गुरु ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार सिर्फ बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने कहा, अगर हम अपने पड़ोस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द खड़े होकर कार्रवाई नहीं करेंगे तो भारत महा-भारत नहीं बन सकता। सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक समाचार रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, जो इस राष्ट्र का हिस्सा था, दुर्भाग्य से वह पड़ोस बन गया, लेकिन इन लोगों को, जो वास्तव में इस सभ्यता के हैं, उन्हें इन अत्याचारों से बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
सद्गुरु की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर टारगेटेड हमलों की निंदा की और केंद्र से पड़ोसी देश में हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।