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APMC MARKET: थोक में गिरावट के बावजूद खुदरा बाजारों में सब्जियों की कीमत में तेजी

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नवी मुंबई। (APMC MARKET
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) गर्मी की छुट्टी में अधिकतर लोग गांव या तो घूमने के लिए बाहर गए है । इस बीच वाशी स्थित एपीएमसी सब्जी मार्केट में सब्जियों की आवक अधिक होने और मांग कम है ।ऐसे में सब्जियों की कीमतों में गिरावट हुई है। ऐसे में थोक कीमत में भी कमी देखी जा रही है, लेकिन खुदरा बाजारों में सब्जियों की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई है। नतीजतन, लोगों के लिए खुदरा बाजारों में सब्जियों की खरीदारी करना मुश्किल हो रहा है। खुदरा बाजारों में थोक कीमत के मुकाबले सब्जियां दोगुनी से अधिक कीमत में बिक रही है।खुदरा बाजार में किसी भी तरह से कंट्रोल नही है इसपर नागरीको ने काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे है ।
 वाशी स्थित एपीएमसी से नवी मुंबई सहित मुंबई , ठाणे और उपनगरों में सब्जियों की सप्लाई की जाती है ।इसके लिए बाजार में लगभग 700 गाड़ियों की आवक होती है ।वर्तमान में एपीएमसी सब्जी मंडी में 450 के करीब गाड़ियों की आवक हो रही है ।सब्जियों की आवक कम होने के बावजूद बाजार में खरीददार नही है। इसमें पिछले कुछ वर्षो से सब्जियों की कुछ गाड़ी एपीएमसी में ना कर सीधे मुंबई जाते है । जिसके कारण मुंबई के ग्राहक नवी मुंबई में नही आते है ।ऐसे में पहले से ग्राहकों की कमी और अभी गर्मी की छुट्टी में लोगो के बाहर जाने के कारण सब्जियों की मांग कम हो रही है ।इसके साथ ही गर्मी में सब्जियों को स्टोर कर रखना कठिन है ।गर्मी में सब्जियों के खराब होने का खतरा अधिक होता है। जिसके कारण बचे हुए सब्जियों को फेंकना मजबूरी बना है ।इसके कारण व्यापारी फेंकने के बजाय सस्ते दरों पर बेचने को मजबूर है ।
  खुदरा में पहुंचते ही दोगुने कीमत में हो रही विक्री
एपीएमसी में आलू प्याज इन सब्जियों के अलावा अरवी, छोलिया, परमल, बैगन आदि की आवक हो रही है। इन सब्जियों की आवक में गत दिनों के मुकाबले में तेजी होने के कारण थोक में कीमत भी गिर रही है, लेकिन खुदरा बाजारों तक पहुंचते पहुंचते सब्जियों की कीमत आसमान छूने को बेताब हो रही हैं। ऐसे में बाजारों में सब्जियों की खरीदने पहुंचे लोगों के सामने यह समस्या पैदा हो रही है कि वह क्या खरीदें व क्या न खरीदें। बढ़ी हुई कीमत के कारण उनके सामने कोई विकल्प नहीं छोड़ रहा है। ऐसे में लोग इन दिनों कम मात्रा में सब्जियां खरीद रहे हैं।वहीं खुदरा बाजारों के दुकानदारों का तर्क यह है कि इन दिनों ग्राहक की संख्या में कमी आ गई। इस कारण वे पहले की तुलना में मंडियों से कम माल मंगा रहे हैं। जब खुदरा बाजारों में ही माल की कमी है तो कीमत में तेजी आना स्वाभाविक है। वह यह भी तर्क देते हैं कि मंडियों से खुदरा बाजारों तक सब्जियों को लाने में परिवहन खर्च, लोडिंग अनलोडिंग खर्च, गुणवत्ता, आकार व मुनाफा भी कीमतों को प्रभावित करती हैं।

सब्जियों की थोक व खुदरा कीमत में अंतर

सब्जी    थोक     खुदरा

आलू   7          18

प्याज 5 से 10    20  से 30

टमाटर      13    26

गोभी  7     18

फुलावर।   5  16

शिमला मिर्च  20      40

बैंगन   20 से 30    40 से 50

भिंडी 20 से 25।      30 से 40

गाजर  20          35 से 40

सुरन 30 से 40     50 से 60

करेला।  20      30 से 40

(कीमत प्रति किलो )

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