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महानगर मुंबई को जलापूर्ति करने वाली झीलों से रोजना 3850 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है। यह सप्लाई वर्ष भर की जाती है। ऐसे में पीने का पानी बचाने और उसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के लिए मनपा का प्रयास होता है कि झीलों पर पानी सप्लाई का दबाव कम किया जा सके। इसके लिए मनपा ज्यादातर सोसायटियों को पीने के अलावा अन्य कार्य के लिए बोरवेल और कुएं बनाने की अनुमति दे रही है। उसका परिणाम यह रहा कि सोसायटियों में पिछले एक वर्ष में 815 नए बोरवेल और कुएं मनपा क्षेत्र में बनाये गए।
आंकड़े क्या दिखाते हैं
मनपा के जन स्वास्थ्य एवं इमारत प्रस्ताव विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल यानी 2020-21 में मुंबई में कुल कुओं की संख्या 18 हजार 96 थी। जबकि साल 2021-22 में यह संख्या 18 हजार 911 हो गई। यहां एक एक साल में 815 कुओं की वृद्धि देखी जा सकती है। खोदे गए कुओं की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। फिलहाल 4,638 कुएं है। पिछले साल बोरवेल की संख्या 11 हजार 805 थी। जो अब बढ़कर 12 हजार 561 हो गई है। जबकि नए छोटे कुएं की संख्या 1653 थी, जो अब बढ़कर 1712 हो गई है। आंकड़ों में स्पष्ट है कि बोरवेल में 756 और छोटे कुएं की संख्या में 59 की वृद्धि हुई है।
पानी की किल्लत पर मनपा को सूझी आइडिया
मुंबई में पीने के पानी के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। और 2010 में पानी की भीषण कमी के बाद मुंबई में कुओं की संख्या बढ़ाने और मौजूदा कुओं की मरम्मत और सफाई करने और उनसे पानी का उपयोग अन्य कार्यों में करने का निर्णय लिया गया था। और तबसे मुंबई में भी वर्षा जल संचयन को बढ़ाने पर मनपा ने पूरा जोर दिया। कुएं और बोरवेल के माध्यम से निकलने वाले पानी का अन्य काम मे उपयोग किया जाता है। इसके लिए भी यहां नियम है। 5 फीट से अधिक व्यास के नए कुएं खोदने की अनुमति नहीं दी है। मौजूदा खोदे गए कुओं के मामले में आरसीसी स्लैब होना जरूरी है। पुराने कुओं, खोदे गए कुओं को सीमेंट कंक्रीट (एचसीसी) की दीवार भी जरूरी है। कुओं के पानी को गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति है।
कुएं पाटे तो एमआरटीपी के तहत कार्रवाई
जनवरी 2003 से मुंबई मनपा ने मौजूदा कुओं के पाटने पर रोक लगा दी है। तो वहीं अनाधिकृत बोरवेल के मामले में एमआरटीपी के तहत कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। नए बोरवेल और 05 फीट व्यास तक से छोये कुएं खोदने और पीने के पानी के अलावा अन्य माध्यमिक उपयोगों के लिए अनुमति मिल सकती है लेकिन नियमों के उलंघन पर कार्रवाई भी है।
बतादें इस वर्ष अच्छी बारिश से कम से कम मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों में पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण के कारण अगले वर्ष के लिए पानी की कोई चिंता नहीं है। झीलों में 99 प्रतिशत पानी भरा है। लेकिन झीलों के पानी काम खर्च हो इसके लिए कुएं और बोरवेल की संख्या बढ़ाई गई है।
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