अनुमान से कम हुआ चीर फाड़
चिकित्सकों ने शिक्षिका की बचाई जान
मुंबई। 48 वर्षीय शिक्षिका के गर्भाशय में करीब ढाई किलो का गांठ मिलने से चिकित्सक भी हैरान हो गए। हालांकि चिकित्सकों ने सर्जरी कर गर्भाशय समेत गांठ न केवल बाहर निकाला, बल्कि उसकी जान भी बचाई है। वहीं इस मामले में सर्जरी करते समय चिकित्सकों ने अनुमान से भी कम चीर-फाड़ किया है।
भायंदर निवासी 47 वर्षीय शिक्षिका सोनल पांड्या के पेट में चार महीने पहले अचानक सूजन शुरू होने के साथ ही पेट में भारीपन लगने लगा था। इससे शिक्षिका की दिनचर्या बिगड़ने के साथ ही दैनिक कामकाज भी प्रभावित होने लगा। वहीं लगातार गिरते सेहत को देखते हुए परिजनों ने शिक्षिका को वॉकहार्ट अस्पताल में भर्ती करा दिया। मेडिकल जांच में पाया गया कि शिक्षिका के पेट में दर्द नहीं थम र0हा था। इसके साथ ही वजन भी कम नहीं हो रहा था। इतना ही नहीं उसका मासिक धर्म सामान्य नहीं था। सोनोग्राफी करने पर पता चला कि शिक्षिका के पेट में बड़े आकार ट्यूमर का है। सामान्य एनेस्थीसिया के तहत बाइलेटरल सल्फिंगोफोरेक्टोमी के साथ उसे टोटल एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी से गुजरना था। उसका हीमोग्लोबिन ७ ग्राम और उसमें दो अंक पीसीवी मिले। इन सभी जटिलाओं के बीच शिक्षिका को सर्जरी कराने की सलाह दी गई। इसके बाद गायनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिशियन और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. राजश्री भोसले के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने यह सर्जरी की।
गर्भाशय की गांठ को लेकर अनभिज्ञ हैं महिलाएं
डॉ. राजश्री ने कहा कि सर्जरी अनुमान से कम आकार में चीरफाड़ की गई। गांठ के साथ ही गर्भाशय को भी हटाने की सर्जरी की गई। साथ ही सर्जरी के बाद तीसरे दिन ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि गर्भाशय में गांठ के बारे में महिलाओं में अनभिज्ञता के साथ ही जागरूकता की कमी हैं, जिसे पैदा करना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हर महिला को 30 साल का पड़ाव पार करने के बाद नियमित स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए।