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महाराष्ट्र में जारी विपक्ष और सत्तापक्ष की लड़ाई: हंगामे से नाराज राज्यपाल अभिभाषण बीच में रोक सदन से बाहर गए, NCP विधायक ने सिर के बल खड़े हो कोश्यारी का विरोध किया

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मुंबई9 घंटे पहले

कॉपी लिंकबीड से एनसीपी विधायक संजय दौंड मुख्य द्वार पर पहुंचे और शीर्षासन कर राज्यपाल का विरोध किया। - Dainik Bhaskar

बीड से एनसीपी विधायक संजय दौंड मुख्य द्वार पर पहुंचे और शीर्षासन कर राज्यपाल का विरोध किया।

महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र विपक्ष के भारी हंगामे के साथ गुरुवार को शुरू हुआ। कुछ दिनों से खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे सीएम उद्धव ठाकरे सत्र में शामिल होने के लिए पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ विधानभवन पहुंचे। इस दौरान आदित्य ठाकरे सीएम की गाड़ी चला रहे थे। मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठ भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। वे लगातार हाथ में बैनर लेकर सरकार पर दाऊद इब्राहिम को बचाने का आरोप लगा रहे थे।

विधानसभा के अंदर भी एक बेहद अजीब घटना हुई है। बजट सत्र से पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का अभिभाषण चल रहा था। इस दौरान सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ विधायक राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इससे नाराज राज्यपाल ने अपना भाषण बीच में ही छोड़ दिया और विधानसभा से बाहर निकल गए। बता दें कि राज्यपाल ने कुछ दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विवादास्पद टिपण्णी की थी। उन्होंने समर्थ रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज का गुरु बताया था, इसी बात से सत्ताधारी पक्ष से जुड़े नेता लगातार उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

इसी कड़ी में गुरुवार को सत्र जैसे ही शुरू हुआ बीड से एनसीपी विधायक संजय दौंड मुख्य द्वार पर पहुंचे और शीर्षासन कर राज्यपाल का विरोध किया। इस प्रदर्शन के बाद दौंड ने कहा, “राज्यपाल ने राज्य और राष्ट्रगान का अपमान किया है। मैंने शीर्षासन कर उनका विरोध किया है।” इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सरकार ठीक से काम कर रही है।

हंगामा बढ़ता देख राज्यपाल ने भाषण बीच में बंद किया और सदन से चले गए।

हंगामा बढ़ता देख राज्यपाल ने भाषण बीच में बंद किया और सदन से चले गए।

शिवाजी महाराज के लिए राज्यपाल ने यह कहा थाउन्होंने कहा था, “इस भूमि पर कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता” कोश्यारी ने कहा था, “मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है।”

जेल में बंद मंत्री से नहीं लिया जा रहा इस्तीफा: फडणवीससत्र के दौरान मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा ने आक्रामक रुख दिखाया। राज्यपाल के सदन छोड़ने के बाद वे लगातार एनसीपी, उद्धव सरकार और CM के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लगातार हंगामे को देख कार्यवाहक अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा,’महाराष्ट्र में यह पहली बार हो रहा है कि एक मंत्री(नवाब मलिक) जेल में है और उसका इस्तीफा नहीं लिया जा रहा है। यह अप्रत्याशित है। उन्हें एक छोटे से मामले के लिए जेल नहीं भेजा गया है, उन पर दाऊद इब्राहिम के परिवार से डीलिंग का आरोप है।

यह दाऊद समर्पित सरकार: फडणवीसपूर्व सीएम ने आगे कहा कि सरकार उनका इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? यह ‘दाऊद समर्पित’, ‘दाऊद शरण’ वाली सरकार है। यह सरकार दाऊद के साथ संबंध रखने वाले लोगों को बचाने के लिए एक साथ आ रही है। इसलिए हमने विरोध शुरू कर दिया है और हम मांग करते हैं कि उनका इस्तीफा तुरंत लिया जाए।

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