नवी मुंबई। नवी मुंबई मनपा राज्य में सबसे अमीर मनपा के रूप में पहचाना जाता है लेकिन प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी 50 हजार विद्यार्थियों को बिना पाठ्य सामग्री (किताबें, बैग आदि) के स्कूलों में पढ़ाई करनी पड़ रही है लोगों के बीच चर्चा है कि यह अमीर मनपा के लिए शर्म की बात है देश का स्वतंत्रता दिवस नजदीक आने के बावजूद छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म के बिना झंडे को सलामी देने में शर्म आ रही है। शिक्षा विभाग के उपायुक्त संघरत्न खिल्लारे ने बताया कि शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही ये सामग्री विद्यार्थियों को उपलब्ध करायी जायेगी।
नवी मुंबई मनपा के माध्यम से गरीब छात्रों को अच्छे वातावरण में अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके विशाल स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है। साथ ही इन छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अत्यधिक वेतन दिया जा रहा है लेकिन जिन विद्यार्थियों के जीवन पर ये सारी योजनाएं बन रही हैं, उनके जीवन को दांव पर लगाया जा रहा है इसके बावजूद स्कूल शुरू हुए दो महीने हो गए हैं, लेकिन उन विद्यार्थियों को अभी तक पढ़ाई के लिए साधारण पाठ्य पुस्तकें भी नहीं मिल पाई हैं। इतना ही नहीं, यूनिफार्म, जूते, कॉपी-किताबें आदि शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने में भी प्रशासन व जनप्रतिनिधि पूरी तरह विफल रहे हैं।यह स्थिति तब भी थी जब शिक्षा बोर्ड में जन प्रतिनिधि थे और अब मनपा में पिछले 4 साल से प्रशासक है तब भी यही स्थिति है।
वर्तमान में मनपा के 79 स्कूल हैं और इनमें करीब 50 हजार छात्र पढ़ते हैं। मनपा नागरिकों के टैक्स से प्राप्त पैसे से इन छात्रों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रति वर्ष लगभग 30 करोड़ रुपये आवंटित करता है। इसमें 2 ड्रेस , जूते-मोजे, नोटबुक, रेनकोट, नोटबुक आदि शामिल हैं। शिक्षा बोर्ड अस्तित्व मे था। तब तक छात्रों को 15 अगस्त या उसके बाद तक सामग्री उपलब्ध करायी जाती थी बरसात का मौसम समाप्त होने के बाद भी विद्यार्थियों के हाथों में रेनकोट मिल रहे थे। चर्चा हुई कि राजनेताओं की सुस्ती से यह स्थिति बढ़ी है कहा कि काश प्रशासन के हाथ में शासन होता तो गरीबों को समय पर न्याय मिलता लेकिन अब मनपा पर कोई भी जनता द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि नहीं होने के बावजूद स्थिति पहले जैसी ही है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल छात्रों को ई-रुपी के जरिए स्कूली सामग्री उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही थी| परन्तु उसमें भी त्रुटि होने के कारण अब शैक्षणिक सामग्री एवं गणवेश सीधे ठेकेदार के माध्यम से “डीबीटी” द्वारा दी जायेगी। इसलिए उम्मीद है कि इस साल 15 अगस्त तक छात्रों को शैक्षणिक सामग्री और गणेश मिल जाएंगे|