मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में भाजपा द्वारा (By BJP in the Mahayuti government of Maharashtra) प्रशासनिक स्तर पर एक और बड़ा बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष का प्रभार अब देवेंद्र फडणवीस के करीबी और भाजपा नेता गिरीश महाजन के पीए डॉ. रामेश्वर नाईक को सौंपा गया है। इस पद पर पहले एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले मंगेश चिवटे थे।
शिंदे के करीबियों की हो रही छुट्टी
महायुति सरकार 2 के गठन के बाद से भाजपा शिंदे गुट के करीबियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाकर अपने नेताओं की नियुक्ति कर रही है। यह कदम भाजपा और शिंदे गुट के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
डॉ. रामेश्वर नाईक की नियुक्ति
मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव श्रीकर परदेशी ने डॉ. रामेश्वर नाईक की नियुक्ति का आधिकारिक पत्र जारी किया।
पृष्ठभूमि: डॉ. नाईक ने छत्रपति संभाजीनगर स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
वे 2014 में चिकित्सा शिक्षा और जलसंपदा विभाग में सलाहकार रहे और बाद में धर्मार्थ अस्पतालों की हेल्प डेस्क के प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली।
उनकी नियुक्ति भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के करीबी होने के नाते हुई है।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष की भूमिका
मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष राज्य के जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यह कक्ष देवेंद्र फडणवीस ने 2014 में अपने पहले कार्यकाल में स्थापित किया था।
शिंदे के कार्यकाल में इस कक्ष का प्रभावी संचालन हुआ और लोगों की मदद से सकारात्मक छवि बनी।
अब फडणवीस के करीबी की नियुक्ति के बाद इस कक्ष के कामकाज में किस प्रकार के बदलाव होंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
शिंदे गुट पर बढ़ा दबाव
भाजपा द्वारा शिंदे गुट के करीबियों को सामान्य प्रशासनिक पदों से भी हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री पद खोने के बाद शिंदे के गुट पर लगातार राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है।
सीएम सहायता निधि कक्ष जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण विभाग पर फडणवीस का सीधा नियंत्रण अब शिंदे गुट की प्रभावशीलता को कमजोर कर सकता है।
यह बदलाव न केवल भाजपा के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाता है, बल्कि शिंदे गुट और भाजपा के बीच शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत भी है।