नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की उल्टी गिनती(Countdown to the Bharatiya Janata Party (BJP) National President election)शुरू हो गई है। संगठन चुनाव की दिशा में अहम कदम उठाते हुए, पार्टी ने चुनाव अधिकारियों के बाद अब केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का ऐलान किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विभिन्न राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जानकारी दी है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए विनोद तावड़े की नियुक्ति पर ध्यान
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के लिए राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को केन्द्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इस कदम से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि तावड़े राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार के रूप में सबसे आगे माने जा रहे हैं। पूर्व में यूपी संगठन प्रभारी रहे अमित शाह और जेपी नड्डा खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं, ऐसे में तावड़े की नियुक्ति को एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है।
तावड़े का विवादों में भी कड़ा पलटवार
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान तावड़े विपक्षी आरोपों के बावजूद पूरे मामले को “सस्ता हथकंडा” करार देते हुए पलटवार कर चुके थे। इस कड़ी में उन्होंने कई विपक्षी नेताओं को मानहानि का नोटिस भी भेजा था, और इससे पार्टी को महाराष्ट्र चुनाव में फायदा भी हुआ था।
अन्य राज्यों के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
बीजेपी के अन्य राष्ट्रीय महासचिवों और पदाधिकारियों को भी विभिन्न राज्यों के पर्यवेक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शिवप्रकाश को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
सुनील बंसल को पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और हरियाणा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सौदान सिंह को हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
तरुण चुग को केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप की जिम्मेदारी दी गई है।
अरुण सिंह को महाराष्ट्र, गोवा, दमन द्वीप और दादर नगर हवेली की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और गुजरात का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
दुष्यंत गौतम को उड़ीसा और अंडमान-निकोबार का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
चुनाव प्रक्रिया और समयसीमा
बीजेपी के संगठन चुनाव की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। बूथ अध्यक्षों के चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं, और अब मंडल अध्यक्षों का चुनाव 15 दिसंबर तक, जबकि जिला अध्यक्षों का चुनाव 30 दिसंबर तक संपन्न कराने की योजना है। इसके बाद, प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के लिए एक बड़ी वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव फरवरी के अंत तक, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हो सकता है।