जो इंडिया / मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट (Sanjay Shirsat, Social Justice Minister of the Government of Maharashtra
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में विभागीय जांच पूरी हो चुकी है और जांच अधिकारी ने भंडारे को दोषी पाया है। लेकिन मंत्री शिरसाट ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर उन्हें निर्दोष साबित करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया। उन्होंने कथित रूप से कहा, “मेरा आदमी है, छोड़ दो नहीं तो देख लूंगा”, जो अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।
मुख्यमंत्री के आदेश की भी उड़ाई धज्जियां
मुख्यमंत्री द्वारा यह स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी मंत्री को किसी ‘फिक्सर’ या दलाल प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को पीएस या ओएसडी नियुक्त नहीं करना चाहिए। इसके बावजूद संजय शिरसाट ने भंडारे को ओएसडी नियुक्त कर न केवल आदेशों की अनदेखी की, बल्कि मुख्यमंत्री की छवि को भी नुकसान पहुंचाया।
लंदन यात्रा भी विवाद में
जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थ भंडारे ने मंत्री शिरसाट के साथ विदेश (लंदन) यात्रा भी की, जिसके लिए कोई सरकारी अनुमति नहीं ली गई थी। यह यात्रा भी अब जांच के घेरे में आ गई है।
विभागीय तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप
इतना ही नहीं, सामाजिक न्याय विभाग में हुए हालिया तबादलों में भी भंडारे की अहम भूमिका रही है, जिनमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लेन-देन के आरोप लगे हैं। विभाग के कई अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर इन आरोपों को सही बता रहे हैं।