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Completion of Saket Mahayagya: साकेत महायज्ञ की पूर्णाहुति: भक्तों का जनसैलाब, विदेशों से भी पहुंचे श्रद्धालु, 59 हजार कमल के फूलों का उपयोग, सदगुरु श्री दयाल जी का प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश, सांस्कृतिक संध्या में अनूप जलोटा के भजनों ने बांधा समां

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नवी मुंबई। पावने स्थित गामी ग्राउंड में(Gami Ground at Pawane)आयोजित 9 दिवसीय साकेत महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब देखने को मिला। इस महायज्ञ की महिमा को देखने और अनुभव करने के लिए देश-विदेश से भक्त यहां पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन सदगुरु फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसमें सदगुरु श्री दयाल जी के दिव्य सान्निध्य ने भक्तों के मन में नई ऊर्जा और श्रद्धा का संचार किया।

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महायज्ञ के दौरान कैलिफोर्निया, अमेरिका, और ब्राजील से विशेष रूप से भक्त पहुंचे। डॉ. अनूप मोखा (कैलिफोर्निया): उन्होंने कहा कि, “महायज्ञ में शामिल होकर जीवन में तनाव से मुक्ति मिलती है। गुरुजी संकटों में एक ढाल की तरह साथ रहते हैं। यह अनुभव कई बार हुआ है। मनीष रुंगटा (अमेरिका): उन्होंने गुरुजी का संदेश दोहराया, “यज्ञ अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के भले के लिए किया जाता है। इससे न केवल दूसरों का भला होता है, बल्कि हमें भी पुण्य का लाभ मिलता है।विजय दीक्षित (अमेरिका): उन्होंने कहा, “गुरुजी के मार्गदर्शन में अध्यात्म की ओर झुकाव हुआ है। जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है और मन को गहरी शांति मिलती है।”

 

महायज्ञ की विशेषताएं है कि यज्ञ में पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा बनाए रखने के लिए 59 हजार कमल के फूलों का विशेष रूप से उपयोग किया गया।यज्ञ के दौरान पंडितों ने यज्ञ की महिमा और परिक्रमा के महत्व को बताया। उन्होंने कहा, “यज्ञ की परिक्रमा करने से कई जन्मों के पुण्य का लाभ मिलता है।

सदगुरु श्री दयाल जी ने अपने संदेश में कहा कि जन्म से अधिक मृत्यु का महत्व है। इसलिए हमें जीवन में पुण्य और अच्छे कर्म करते रहना चाहिए। यज्ञ से सुख-शांति की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश

सदगुरु श्री दयाल जी ने स्वच्छ भारत अभियान का संदेश देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को रोज़ाना अपने आसपास की सार्वजनिक जगहों से 10 प्लास्टिक की बोतलें या कचरा उठाने का संकल्प लेना चाहिए।
यह कदम हमारे देश को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। स्वच्छता से बीमारियों को रोका जा सकता है और हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहेगा।

 

सांस्कृतिक संध्या में भक्ति रस की धारा

महायज्ञ के दौरान भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें प्रख्यात भजन सम्राट अनूप जलोटा, शुभांकर घोष और सीमा घोष ने अपने भजनों से श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। अनूप जलोटा द्वारा प्रस्तुत भजनों “ऐसी लागी लगन” और “राम नाम मीठा है” ने विशेष रूप से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।कैलिफोर्निया से आए डॉ. अनूप मोखा ने बताया कि गुरुजी के आशीर्वाद से जीवन में संतुलन आया है। यहां शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।विजय दीक्षित ने कहा कि यज्ञ से जीवन में गहरी आध्यात्मिक अनुभूति होती है और मन शांत रहता है।ब्राजील के भक्त ने बताया कि महायज्ञ में शामिल होकर शक्ति और नई ऊर्जा मिलती है।साकेत महायज्ञ की पूर्णाहुति ने न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान की, बल्कि स्वच्छ भारत के संदेश को भी जन-जन तक पहुंचाया। सदगुरु श्री दयाल जी के दिव्य सान्निध्य में यह महायज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें भक्ति और सेवा के आदर्श को साकार किया गया।

यह महायज्ञ श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति और सामाजिक सेवा का संगम बना।

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