मुंबई।मुंबई और महाराष्ट्र राज्य गुजराती साहित्य अकादमी(Mumbai and Maharashtra State Gujarati Sahitya Academy)के सहयोग से 31 अगस्त 2024 को ‘बाते लोककलाकी महाराष्ट्र और गुजरात की’ विषय पर एक शैक्षिक और सांगीतिक कार्यक्रम का आयोजन समाज कल्याण हॉल, दहिसर (पूर्व) में शाम 6 बजे हुआ। इस कार्यक्रम में वीरेन्द्रजी याज्ञिक, करुणाशंकरजी ओझा, भागवत कथावाचक मीनाबेन जोशी, प्रो. सुरेंद्र तन्ना, महाराष्ट्र राज्य गुजराती साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष स्नेहल मुजुमदार, और लोकायन संस्था के योगेश्वर लोलगे उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. मोनिका ठक्कर की पुस्तक ‘भुलजा भुलाबाई के लोकगीतों का उद्देश्य और अर्थ’ का विमोचन भी हुआ। इस पुस्तक में महाराष्ट्र और गुजरात की लोक कला के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई है। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के लोकगीतों की प्रस्तुति शिवाजी वाघमारे और वृंद ने की, जबकि गुजरात के लोकगीत धानी चारण द्वारा प्रस्तुत किए गए।
गणमान्य व्यक्तियों ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रम पूरे महाराष्ट्र में आयोजित किए जाने चाहिए और लोक कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए। इस कार्यक्रम की संकल्पना डॉ. मोनिका ठक्कर ने की थी और नगरसेवक जगदीशभाई ओझा का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।