नई दिल्ली।भारतीय रेलवे के जीआरपी और आरपीएफ टीम (GRP and RPF Team of Indian Railway)की कर्मठता एवं त्वरित प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप एक रूसी पर्यटक (Russian tourists)के चुराए गए फोन का पता लगाया गया। 17 अगस्त 2024 को नीना निकोनोरोवा, गया-कामाख्या एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थीं। तब बिहार में फल्गु नदी के ऊपर से गुजरते समय, वह बाहर के आकर्षक दृश्यों को रिकॉर्ड कर रही थीं, तभी अचानक एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके हाथ पर डंडे से वार कर उनका फोन छीन लिया। नीना ने तुरंत ही गया, शेखपुरा और कामाख्या रेलवे स्टेशनों पर जाकर रेलवे पुलिस (जीआरपी) को इस घटना की जानकारी दी। जीआरपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (02), 313 और 317 (05) के तहत केस दर्ज किया।
नीना की शिकायत के बाद, जीआरपी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मिलकर एक अभियान के तहत मुस्तैदी के साथ कुछ ही दिनों में, पिंटू कुमार और साजन कुमार नामक दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए, लेकिन नीना का फोन अभी तक नहीं मिला था। संदिग्धों से पूछताछ में पता चला कि नीना का फोन साहिल पासवान नामक व्यक्ति के पास था, जो बिहार के गांधीनगर मानपुर का निवासी था। साहिल ने ही कथित तौर पर नीना पर हमला किया और उनका फोन चोरी किया था।
हालांकि घटना के कुछ दिनों बाद नीना रूस लौट गईं, लेकिन अक्टूबर में iCloud नोटिफिकेशन के जरिए उन्हें पता चला कि उनका चोरी हुआ फोन नागपुर, महाराष्ट्र में सक्रिय हुआ है। इस जानकारी को नीना ने तुरंत ही भारतीय रेल को ईमेल के जरिए साझा करने के साथ फोन की लाइव लोकेशन के बारे में भी बताया। यह इस सम्पूर्ण घटना का महत्वपूर्ण पहलू सिद्ध हुआ और इंस्टाग्राम के लोकेशन डेटा की मदद से नागपुर में टीम सक्रिय अधिकारियों ने फोन का पता लगा लिया तथा साहिल पासवान की पहचान की। उसकी गिरफ्तारी और फोन की बरामदगी सुनिश्चित करने हेतु अब भी आगे कार्रवाही चल रही है।
जीआरपी और आरपीएफ की टीमों ने साहिल की तलाश में बिहार के गया जिले एवं आस-पास के इलाकों में छापेमारी शुरू कर दी है। चोरी के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और नीना के फोन को बरामद करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी की टीमें सतर्कता से काम कर रही हैं। नीना की त्वरित शिकायत, अधिकारियों की मुस्तैदी, और आधुनिक तकनीक ने इस मामले को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई है।