अंतिम पेपर होने तक अवकाश न लेने के निर्देश
मुंबई। शिक्षकेतर कर्मचारियों के हड़ताल का साया 12वीं की परीक्षा पर मंडराने लगा है। राज्य विश्वविद्यालयीन व महाविद्यालयीन सेवक संयुक्त कृति समिति के नेतृत्व में राज्यभर में यूनिवर्सिटी और कालेजों के शिक्षकेतर कर्मचारी कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते शिक्षकेतर कर्मचारियों ने १२वीं परीक्षा से संबंधित एक भी काम नहीं करने के अपने फैसले पर अडिग है। इसलिए मंगलवार से शुरू हो रही 12वीं की परीक्षा के आयोजन में प्राचार्य और शिक्षकों की कसौटी लग गई है। कई कॉलेजों ने अनुबंध के आधार पर शिक्षकेतर कर्मचारियों को परीक्षा कार्य की जिम्मेदारी सौंपी है। ठेका कर्मियों को परीक्षा अवधि में अवकाश नहीं लेने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई बैठक में कोई हल नहीं निकलने के संयुक्त कृति समिति अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के फैसले पर अडिग है। इस हड़ताल से अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि राज्य के 12वीं के लाखों छात्र प्रभावित होंगे। मुंबई के अधिकांश कॉलेजों में शत-प्रतिशत शिक्षकेतर कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया है। इससे कॉलेजों में सभी गैर शैक्षणिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं। कई कॉलेज परीक्षा कार्य में संविदा कर्मियों की मदद ले रहे हैं। हड़ताल के पहले दिन सोमवार को कॉलेजों के प्रवेश द्वार पर धरना दे रहे कर्मचारियों को पुलिस की तरफ से नोटिस दिया गया। पुलिस ने निर्देश दिया है कि हड़ताली कर्मचारी कल होने वाली परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की नारेबाजी कर हंगामा न करें।
बोर्ड परीक्षा के ये काम होंगे प्रभावित
विषय के आधार पर हर दिन बैठक की व्यवस्था बदलती है। पेस्टिंग का काम शिक्षकेतर कर्मचारी करता है। मुख्य परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं के सीलबंद लिफाफे लेने के लिए शिक्षकों के साथ दो शिक्षकेतर कर्मचारी जाते हैं। कितने प्रश्नपत्र, उत्तर पुस्तिकाएं जब्त की गई हैं, इसका रिकॉर्ड रखने का काम इन पर होता है। परीक्षा के दौरान चेतावनी की घंटी बजाना, परीक्षा कक्ष में पेयजल की व्यवस्था, परीक्षा के उपरान्त उत्तर पुस्तिका को केन्द्र प्रमुख सहित मुख्य परीक्षा केन्द्र पर पहुँचाने का काम शिक्षकेतर कर्मचारी करते हैं। ऐसे में इनके हड़ताल पर जाने से १२वीं की परीक्षा पर असर पड़ने का अनुमान है।
12वीं की परीक्षा पर नहीं होगा हड़ताल का असर
राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष शरद गोसावी के अनुसार शिक्षकेतर कर्मचारियों के हड़ताल का 12वीं की परीक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पर्यवेक्षक और केंद्र संचालक का कार्य शिक्षकों की है। शिक्षकेतर कर्मचारियों का खासा संबंध नहीं आता है। प्राचार्यों के साथ बैठक में शिक्षकेतर कर्मचारियों के स्थान पर आवश्यकता पड़ने पर वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे परीक्षा में कोई परेशानी नहीं आएगी। साथ ही परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न हो सकेगी।
परीक्षा पर असर पड़ा तो, सरकार होगी जिम्मेदार
राज्य विश्वविद्यालयीन व महाविद्यालयीन सेवक संयुक्त कृति समिति के राज्य संगठक अजय देशमुख के मुताबिक अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर हमने पहले ही राज्य सरकार को नोटिस दे दिया था। इसके अलावा समय-समय पर चेतावनी आंदोलन भी चलाए गए। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है। अगर हड़ताल का असर 12वीं के छात्रों पर पड़ता है तो इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने सवाल किया कि यदि हमारी मांगें मानी जाती हैं तो क्या हमें हड़ताल जारी रखने की जरूरत है…?