मुंबई। शहर में वायु प्रदूषण(Air pollution in the city)में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। अधिकांश निगरानी स्टेशनों में मध्यम वृद्धि देखी गई, कोलाबा, शिवड़ी, कांदिवली पश्चिम, और मालाड पश्चिम जैसे कुछ स्थानों पर पीएम 2.5 में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। एक स्वास्थ्य जानकर ने बताया कि ऐसे में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चों के स्वाशन नलिका में तकलीफ होने की शिकायतें बढ़ गई है। इन लोगों को प्रदूषण के तेज़ी से बढ़ते स्तर से खासकर दिवाली और उसके कुछ दिनों बाद काफी अधिक नुकसान होता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (central pollution control board)के मुंबई सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई में पीएम 2.5 (एक प्रकार के कण) और पीएम10 सांद्रता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। विशेष रूप से मझगांव और खेरवाड़ी बांद्रा में, जहां असाधारण वृद्धि हुई। यह दिवाली के उत्सवों के कारण हो सकता है, क्योंकि ये वृद्धि सामान्य दैनिक उतार-चढ़ाव से अधिक हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करते हैं। ये निष्कर्ष वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए जरूरी कदम उठाने का संकेत देते हैं।
रेस्पायर लिविंग साइंसेज संस्था के सीईओ और संस्थापक रोनक सुतारिया(Ronak Sutaria, CEO and Founder, Respire Living Sciences)ने कहा कि इन इलाकों में इस वर्ष के आंकड़े ऐसे प्रदूषण वृद्धि को कम करने के लिए सक्रिय उपायों की पर सवाल खड़े करते हैं, विशेषकर उन इलाकों में जहाँ गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु, और बुजुर्ग जैसे संवेदनशील समूह अधिक संख्या में हैं। दिवाली के उत्सव शहरों की वायु गुणवत्ता पर केंद्रित प्रदूषण स्रोतों के प्रभाव को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं। और मनपा प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है।
बतादें दीपावली के दिनों में प्रदूषण ज्यादा बढ़ा है। पिछले 5 दिनों में मझगांव में पीएम 2.5 स्तर में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जिसके 105.83 प्रतिशत बढ़कर दिवाली पर 175.04 तक पहुंच गई। यह सबसे उच्च दर्जे की वृद्धि देखी गई, जो दिखाती है कि दीप उत्सव की गतिविधियों ने वायु गुणवत्ता को कैसे प्रभावित किया। बांद्रा ईस्ट के खेरवाड़ी में भी पीएम2.5 में 72.30 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो दूसरे दिन 145.44 तक पहुँच गई, जो पहले से ही उच्च बेसलाइन के चलते चिंताजनक है। कोलाबा के नेवी नगर और विले पार्ले वेस्ट में क्रमशः 89.63 और 67.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो इन क्षेत्रों में प्रदूषण में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती है।