मुंबई। आर्थिक राजधानी मुंबई प्रदूषण( pollution) की भारी चपेट में है। फिलहाल शहर के तापमान में गिरावट जरूर आई है लेकिन प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदूषण के मामले में मुंबई ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण ने मुंबई की हवा में जहर घोल दिया है, जो इंसानों के स्वास्थ्य पर कहर बरपा रहा है। इतना ही नहीं प्रदूषण का शिकार पशु-पक्षी भी हो रहे हैं। दूसरी ओर शहर में बड़ी संख्या में लोग सर्दी, खांसी, बुखार, श्वसन आदि से संबंधित बीमारियों से परेशान हो रहे हैं। ऐसे में इलाज के लिए लोगों की अस्पतालों में भीड़ लग रही है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में वायु प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुंबई की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले तीन महीनों से ‘खराब से ‘अत्यधिक खराब’ के बीच में बना हुआ है। मुंबई में मंगलवार को भी एक्यूआई ३०४ पर पहुंच गया। सफर के मुताबिक शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ स्थिति में है। इस बीच बीकेसी में प्रदूषकों और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में भारी वृद्धि के कारण हवा ‘बहुत खराब’ स्थिति में पहुंच गया है। यह गैस जब कोहरे के साथ मिलती है, तो दृश्यता कम हो जाती है। साथ ही अब यह गैस इंसानों के साथ ही अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के गुफरान बेग ने बताया कि मंगलवार को मुंबई में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब स्तर तक पहुंच गई। हवा की गति धीमी और हवा में नमी होने से प्रदूषक हवा में जमा हो रहे हैं। इसलिए मंगलवार को मुंबई की हवा को वायु गुणवत्ता मापक प्रणाली सफर पर बहुत खराब बताया गया। साथ ही प्रदूषकों की संख्या में वृद्धि के कारण बीकेसी, भांडुप, नई मुंबई, चेंबूर में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब तो कोलाबा, मझगांव, अंधेरी, बोरीवली, अंधेरी और मलाड में खराब हो गई है। मंगलवार शाम तक मुंबई में प्रदूषक पीएम २.५ और पीएम १० की सघनता क्रमश: १२५ और १९० थी।
बजट से पहले प्रदूषण पर मनपा को सुझाव
वित्त वर्ष २०२३-२४ के आगामी मनपा बजट से पहले मुंबई के आर्किटेक्ट और शहरी नियोजन विशेषज्ञों ने आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखा है, जिसमें मुंबई में प्रदूषण, बारिश के पानी और सड़क के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के तरीके सुझाए गए हैं। बता दें कि मनपा ने ५ फरवरी को पेश होने वाले अपने बजट से पहले नागरिकों से सुझाव मांगे थे। मुंबई का एक्यूआई लगातार ‘खराब’ श्रेणी में रहा है। ऐसे में सर्दियों के मौसम की शुरुआत के बाद से वायु प्रदूषण की समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
बीमारियां फैला रही जहरीली हवा
जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले के मुताबिक जहरीली हवा कई बीमारियों को फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषित वायु से फेफड़ों का कैंसर, दिल और सांस से संबंधित रोग होने का सबसे अधिक खतरा होता है। इतना ही नहीं हवा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड दमा, सिरदर्द, आंख-नाक में जलन, फेफड़ों में सूजन के साथ ही उसकी कार्यक्षमता को भी कम करती है।
ये हैं धूल प्रदूषक के कारक
प्रदूषित हवा में बारीक कण होते हैं। हम जिस समय सांस लेते हैं, तो वे इसके जरिए हमारे शरीर में पहुंचते हैं और खून में घुल जाते हैं। फिर ये खून की मदद से हमारे शरीर में फैल जाते हैं और शरीर के कई अहम अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं विशेषज्ञ वायु गुणवत्ता की खराब हुई इस स्थिति को कम तापमान और कमजोर हवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके अनुसार शहर में शुरू निर्माण कार्य और धीमी गति से चलने वाले यातायात भी धूल प्रदूषण के कारक हैं।