मोटापे की समस्या से जूझ रहे मुंबई निवासी एक 62 वर्षीय पोलियो ग्रसित बुजुर्ग के लिए एक सर्जरी वरदान साबित हुई है। इस सर्जरी का ऐसा जादू चला की बुजुर्ग के मोटापे की समस्या छू मंतर हो गई। इस सर्जरी से मरीज का वजन करीब 96 किलो कम हुआ है। फिलहाल अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। बातादें उसकी बैरियाट्रिक सर्जरी की गई।
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर से जूझ रहा था बुजुर्ग
मुंबई निवासी हिम्मतलाल शहा बुजुर्ग कई सालों से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज और स्लीप एपनिया से जूझ रहे थे। उन्हें छह महीने की उम्र में ही पोलियो हो गया था। वहीं मोटापे की वजह से उनकी दैनिक गतिविधियां भी सही से नहीं हो पा रही थी। साल 2015 में अचानक गिरने की वजह से बुजुर्ग का दाहिना पैर टूट हो गया था। सर्जरी कर उनके पैर में रॉड डाला गया। इसके बाद वे वॉकर के सहारे ही चल पा रहे थे।
घटना के तीन साल बाद फिर से होने लगी तकलीफ
घटना के तीन साल बाद उन्हे फिर से तकलीफ शुरू हुई। साथ ही अब उनका चल पाना बिल्कुल भी बंद हो गया। बिस्तर पर पड़े रहने के कारण बुजुर्ग का वजन काफी बढ गया। स्लीप एपनिया के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मरीज की सेहत को देखकर उनकी पत्नी उषा शहा ने डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने बैरियाट्रिक सर्जरी के इजाजत दी।
सर्जरी के वक्त 150 किलो था वजन
सर्जरी के वक्त उनका वजन 150 किलो था। अधिक वजन के कारण उसके दोनों पैरों में सूजन आ गई थी। बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद उन्होंने 96 किलो वजन कम किया और अब उनका वजन 56 किलो है। अब वह पहले की तरह अपने काम बिना किसी के सहारे खुद करने लगे है। लेप्रोस्कोपिक एंड बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर ने कहा कि मरीज को 10 दिनों के लिए प्री-सर्जरी उच्च प्रोटीन आहार पर रखा गया था, जिससे लीवर के आकार को कम करने में मदद मिली। उसके बाद मरीज पर लैप्रोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी के रूप में बैरियाट्रिक सर्जरी की गई।