मुंबई। ये एक बड़ी और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति वर्ष 2022-23 में किसी भी छात्र को नहीं दी गई है। पूर्व के विधायक रईस शेख ने मांग की है कि यह योजनाएं अल्पसंख्यक समुदाय तक क्यों नहीं पहुंच रही हैं। इस मामले को समझने के लिए एक तकनीकी समिति का आदेश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को देना चाहिए।
भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बारटी(डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) के 861 छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए 200 करोड़ रुपये की निधि देने की घोषणा की। वहीं उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से वर्ष 2021-22 में अल्पसंख्यक समुदाय के 51 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई थी। इसके लिए 52 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया था। हालांकि वर्ष 2022-23 में किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को यह छात्रवृत्ति नहीं दी गई है। इस बारे में जब प्राविधिक शिक्षा विभाग के निदेशक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फंड की कमी के कारण ऐसा हुआ है। इन्हीं मुद्दों पर विधायक रईस शेख ने पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी सवाल उठा कर और ध्यानाकर्षण कर अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक मामलों की सरकार द्वारा उपेक्षा किये जाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था।शेख ने मांग की है कि तकनीकी समिति यह पता लगाए कि अल्पसंख्यक समुदाय की शैक्षणिक योजनाएं छात्रों तक क्यों नहीं पहुंच रही हैं और इसके लिए शेख ने मांग की है कि मुख्यमंत्री शिंदे इस संबंध में स्वयं निर्देश दें।शेख ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए सरकार के पास कई योजनाएं हैं, लेकिन शिंदे-फड़नवीस की सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है।