मोबाइल और टीवी स्क्रीन (screen reflection effect on eye) की रोशनी हमारी आंखों पर बुरा प्रभाव डालती है। फिर भी बहुत से लोग उन्हें देखने में खासा दिलचस्पी दिखाते हैं। आंखें हमारे शरीर (health alert) का एक अनमोल हिस्सा हैं, जिनका भरपूर इस्तेमाल भी होता है। हालांकि कोविड महामारी (covid) में इस अनमोल हिस्से की लोग देखभाल करने में लापरवाही बरतने लगे। इस अवधि में छोटे-बड़े सभी घंटों मोबाइल और टीवी स्क्रीन पर बिताने लगे, जिसका सीधे असर आंखों पर पड़ा। आलम यह है कि पहले जहां ५० की आयु में चश्मे लगते थे, वो अबकम उम्र में ही लगने लगे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि स्क्रीन लोगों की आंखों को बूढ़ा करने लगी है।
नेत्र रोग विशेषज्ञों की माने तो हमारी कुछ गलत आदतें हमारी आंखों की रोशनी को कम कर रही हैं। इन बुरी आदतों की फेहरिस्त में लगातार मोबाइल, टीवी आदि का इस्तेमाल करना, आंखों के लिए लाभदायक जरूरी आहार न लेना, काम करते समय पानी पीने से परहेज करना और धूम्रपान करना आदि शामिल है। नेत्र चिकित्सक डॉ. प्रसन्ना देशमुख के मुताबिक आंखों को स्वस्थ रखने और इनकी रोशनी में सुधार के लिए डाइट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए डाइट में विटामिन ए को शामिल करना जरूरी है। यह विटामिन हमारी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
रिफ्लेक्शन का बुरा एक्शन
मनपा आंख के अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वर्षा पंडित-रोकड़े ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान छोटे से लेकर बड़े बुजुर्गों ने मोबाइल, कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल करना अधिक का दिया था। स्कूल के छात्रों का क्लास छह-छह घंटे तक लगातार ऑनलाइन चलता ही रहता था। इसके साथ ही कामकाजी लोग भी कामों को निपटाने के लिए अधिकांश समय मोबाइल और कंप्यूटर पर ही बैठे रहते थे। ऐसे में स्किन के रिफ्लेक्शन से आंखें में डाइफेक्टिव एरर आ रहा है। शहर में स्थिति यह है कि इस समस्या का अधिकांश लोग समाना कर रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है।
स्कूलों में बच्चों को नहीं दिख रहा बोर्ड
डॉ. वर्षा ने बताया कि कोरोना में अधिक समय तक स्क्रीन पर बिताने के चलते अब स्कूल की कक्षाओं में बैठने के बाद बच्चों को बोर्ड पर लिखे जा रहे शब्द सही तरीके से नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते पढ़ाई का परफॉर्मेंस बिगड़ रहा है। हालांकि जब अभिभावक जांच के लिए अस्पताल में आ रहे हैं तो उनके आंखों का नंबर बढ़ा हुआ होता है। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के पहले जहां ५० फीसदी लोग इस समस्या की शिकायत लेकर आते थे वह करीब १० से २० फीसदी बढ़कर ६० से ७० फीसदी हो गया है।
ऐसे ठीक होंगी आंखें
डॉ. प्रसन्ना देशमुख ने कहा कि आंखों को स्वस्थ रखने और दृष्टि में सुधार के लिए अपने आहार में लाल सब्जियों को शामिल करना जरूरी है। इन सब्जियों में गाजर, शिमला मिर्च, पपीता और दूध शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही शरीर के साथ-साथ आंखों को भी व्यायाम की जरूरत होती है।
आंखों को भी चाहिए आराम
आंखों को आराम देना जरूरी है, ताकि आंखें और कमजोर न हों और चश्मे का नंबर न बढ़े। डेस्क पर काम करने वालों को तो बीच-बीच में अपनी आंखों को आराम देना ही चाहिए।