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Question on the quality of Prasad of Siddhivinayak temple: सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहे के बच्चे मिलने का मामला, एफडीए करेगी जांच

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मुंबई। मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर(Famous Siddhivinayak Temple in Mumbai)के प्रसाद में चूहे के बच्चे मिलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल मच गया है। भक्तों में आक्रोश की लहर है, वहीं मंदिर प्रशासन ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। एफडीए (खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता की जांच और ऑडिट का आदेश दिया है।

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वीडियो में एक ट्रे में सील पैक प्रसाद दिखाई दे रहा है, जिसमें एक पैकेट में चूहे के बच्चे नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह प्रसाद सिद्धिविनायक मंदिर का है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मुंबई के नागरिकों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मंदिर प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं।

सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने इस वीडियो को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। ट्रस्ट के अनुसार, “जहां प्रसाद तैयार किया जाता है, वह स्थान बेहद साफ-सुथरा और सुरक्षित है। हम प्रसाद में प्रयुक्त सामग्री, जैसे घी और काजू, का परीक्षण मुंबई मनपा की लैब में करवाते हैं और केवल शुद्ध सामग्री का ही उपयोग करते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रसाद को लेकर फैलाई जा रही इस तरह की अफवाहों का कोई आधार नहीं है।

एफडीए के प्रभारी अतिरिक्त आयुक्त डॉ. गहाने ने बताया कि वीडियो के वायरल होने के बाद मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एफडीए के अधिकारी मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और उत्पादन प्रक्रिया की जांच करेंगे। साथ ही, मंदिर का ऑडिट भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भक्तों को मिलने वाला प्रसाद पूरी तरह से शुद्ध और सुरक्षित है।

सिद्धिविनायक मंदिर में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस घटना ने मंदिर की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एफडीए की जांच के नतीजे के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। तब तक, मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और जांच के नतीजों का इंतजार करें।

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