मुंबई। बोगस क्रेडिट बैंक(Bogus credit bank)को फर्जी सहकारी साख बैंक से निकालकर 6 साल में निवेश की दोगुनी राशि लौटाने का झांसा देकर छोटे व्यवसायियों व फेरीवालों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है(Fake credit card)। पुलिस को शक है कि चार हजार से ज्यादा निवेशकों के साथ ठगी हुई है। गिरफ्तार क्रेडिट संस्थान के निदेशक की पहचान राम सिंह चौधरी (39) के रूप में हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी राम सिंह चौधरी ने इस सेलिला मोर्चा क्रेडिट संस्था के स्टाम्प और लेटरहेड का इस्तेमाल कर ‘प्रतिज्ञा’ नाम से एक फर्जी क्रेडिट संस्थान बनाया था. इस क्रेडिट संस्थान ने रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे कारोबारियों को छह साल में अपने निवेश को दोगुना करने का वादा किया था। इसके अलावा लाड़ली योजना व अन्य योजनाओं के माध्यम से लड़कियों के पिताओं को ढाई गुना लाभ और भारी मुनाफा दिलाने का झांसा दिया जाता था. हालांकि समय सीमा बीत जाने के बाद भी राम सिंह चौधरी ने निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया. इस संबंध में पांच लोगों ने मलाड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद मलाड पुलिस ने आईपीसी की धारा 406, 420, 34 और एमपीआईडी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.मलाड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवींद्र अदाने के मार्गदर्शन में जांच अधिकारी एपीआई दिग्विजय पाटिल, कांस्टेबल मुजावर शेख ने जांच की. पता चला कि आरोपी राम सिंह चौधरी ने लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों द्वारा जमा कराई गई राशि को बैंक में जमा कराया था. उसे कर्ज के रूप में इस्तेमाल कर वह अधिक मुनाफा और ब्याज कमा रहा था, लेकिन परिपक्वता के बावजूद जिनका पैसा क्रेडिट सोसायटी में जमा था, उन्हें वह पैसा वापस नहीं कर रहा था. इतना ही नहीं आरोपी ने लोगों को बताया कि उसके गिरवी रखे जाने के कारण सहकारी साख संस्था बंद है. हालांकि इसी दौरान आरोपी राम सिंह गोरेगांव में ही एक अन्य क्रेडिट संस्थान ‘सबेरा’ खोलकर ठगी का धंधा चला रहा था. मलाड पुलिस आरोपी तक पहुंची और जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि आरोपी राम सिंह और उसके आठ अन्य साथियों ने इस तरह के फर्जी क्रेडिट संस्थान बनाए और लोगों की दैनिक बचत से लाखों रुपये एकत्र किए और एक ही पैसे को अलग-अलग लोगों को नया बताकर अधिक लाभ कमाया। मलाड पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।