जो इंडिया / नवी मुंबई। राज्य सरकार द्वारा होटल व परमिट (Hotels and Permits by State Government
“मद्य उद्योग संकट में, सरकार कर का बोझ और बढ़ा रही है”
बैठक में दयानंद शेट्टी ने कहा कि राज्य उत्पादन शुल्क विभाग ने राजस्व बढ़ाने के नाम पर खुदरा बिक्री क्षेत्र पर अन्यायपूर्ण नीति लागू की है। इस निर्णय का होटल व्यवसाय पर गंभीर असर हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि होटल व्यवसाय को औद्योगिक दर्जा प्राप्त होने के बावजूद न तो कोई रियायत मिलती है, न ही व्यवसायिक सहूलियतें।
अधिकारियों से मार्गदर्शन लिए बिना लिया गया निर्णय – महेश शेट्टी
संघ के उपाध्यक्ष जयप्रकाश शेट्टी और सरचिटणीस महेश शेट्टी ने बताया कि सरकार ने न तो होटल उद्योग के प्रतिनिधियों से चर्चा की, न ही किसी को विश्वास में लिया। अचानक की गई करवृद्धि का सीधा असर होटल मालिकों के साथ-साथ ग्राहकों पर भी हो रहा है। यह निर्णय आर्थिक रूप से पहले से जूझ रहे उद्योग को और संकट में डाल रहा है।
बैठक में पारित प्रमुख रूप से मांग किया गया कि वार्षिक उत्पादन शुल्क में की गई वृद्धी रद्द की जाए, मूल्यवर्धित कर (VAT) को तुरंत हटाया जाए,परमिट रूम के सीमांकन और परमिट नियमों में शिथिलता लायी जाए,कर निर्धारण में जनसंख्या व व्यावसायिक क्षमता का विचार हो, उत्पादन शुल्क पहले बिक्री चरण में ही कम दर से लागू किया जाए और होटल व्यवसायियों से चर्चा कर नीति निर्माण करने की मांग किया गया । इस दौरान मंच पर अध्यक्ष दयानंद शेट्टी, उपाध्यक्ष जयप्रकाश शेट्टी, सरचिटणीस महेश शेट्टी, खजिनदार मोहन गौड़ा के अलावा माजी अध्यक्ष रविंद्र शेट्टी, झोनल उपाध्यक्ष डॉ. शिवा मुडीगेरे (वाशी), माजी अध्यक्ष शाम एन. शेट्टी सहित नवी मुंबई और पनवेल के होटल व बार मालिक उपस्थित थे।