जो इंडिया / मुंबई: दक्षिण मुंबई का पॉश इलाका ब्रिच कैंडी (Breach Candy, a posh area of South Mumbai) इन दिनों एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है। टाटा गार्डन के पीछे भूमिगत पार्किंग के लिए खुदा हुआ गड्ढा अब न सिर्फ मच्छरों का अड्डा बन गया है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरे का कारण भी बन गया है। मानसून के आगमन के साथ यह गड्ढा पानी से लबालब भर चुका है और इसमें जमा गंदा पानी दुर्गंध, मच्छर और बीमारियों को जन्म दे रहा है।
दो साल से अधूरा पड़ा प्रोजेक्ट
यह गड्ढा उस समय खोदा गया था जब मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने ब्रिच कैंडी में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी। इस परियोजना के तहत कुल 246 वाहनों की पार्किंग क्षमता प्रस्तावित थी, जिससे स्थानीय ट्रैफिक की समस्या का समाधान होना था। लेकिन स्थानीय नागरिकों के विरोध के चलते यह परियोजना बीच में ही रोक दी गई और गड्ढा वैसा का वैसा ही छोड़ दिया गया।
स्थानीय नागरिकों की नाराज़गी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार मनपा से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब जब बारिश शुरू हो चुकी है, तो हालात और बिगड़ गए हैं। एक निवासी ने कहा, “यह गड्ढा अब एक खुली हुई गंदी झील बन गया है। इसके कारण इलाके में मच्छरों की बाढ़ आ गई है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।”
बुजुर्गों और बच्चों पर असर
इलाके के कई बुजुर्ग और बच्चे लगातार सर्दी, खांसी और बुखार जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। आसपास की इमारतों में गंदा पानी कंपाउंड तक पहुंच गया है, जिससे जमीन दलदली हो गई है और सीवेज जैसी बदबू फैल रही है। मक्खियां और मच्छर घरों के भीतर तक पहुंच रहे हैं।
मनपा की स्वीकारोक्ति, पर समाधान नहीं
कोस्टल रोड विभाग के एक मनपा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर स्वीकार किया कि गड्ढा अब तक भरा नहीं गया है। उनका कहना है, “यह काम ठेकेदार को सौंपा गया था, लेकिन स्थानीय विरोध के चलते निर्माण रुक गया है। प्रोजेक्ट का भविष्य फिलहाल अधर में है।”
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि फिलहाल गड्ढे से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
रेजिडेंट फोरम की चेतावनी
स्थानीय रेजिडेंट फोरम ने मनपा को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सफाई और भराई का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे सामूहिक रूप से BMC मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे। फोरम ने यह भी कहा है कि वे इस मुद्दे को बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) के रूप में ले जाने पर विचार कर रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट की असफलता और गड्ढे की उपेक्षा ने एक बार फिर मुंबई की नगर व्यवस्था और परियोजना प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक विकसित और महंगे इलाके की यह हालत है, तो शहर के अन्य हिस्सों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
स्थानीय नागरिकों की केवल एक ही मांग है — गड्ढा तुरंत भरा जाए, साफ-सफाई की जाए, और मानसून के दौरान नियमित फॉगिंग की व्यवस्था की जाए, ताकि किसी बड़ी बीमारी या दुर्घटना से पहले स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।