जो इंडिया / मुंबई
महाराष्ट्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कृषि उत्पादों की खरीद के लिए नियुक्त नोडल एजेंसियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आदेश दिया है कि शिंदे सरकार के कार्यकाल में इन एजेंसियों की नियुक्ति और नीति की जांच होगी। सरकार ने इस संबंध में एक समिति गठित की है, जो एजेंसियों का अध्ययन कर नई नोडल एजेंसियों का निर्धारण करेगी और एक व्यापक नीति तैयार करेगी।
नोडल एजेंसियों की संख्या में बढ़ोतरी
राज्य में दो साल पहले केवल 8 नोडल एजेंसियां कार्यरत थीं, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विपणन विभाग का प्रभार संभालने के दौरान इनकी संख्या बढ़कर 44 हो गई। इनमें कई एजेंसियों के पास प्याज और सोयाबीन खरीद का कोई अनुभव नहीं था। यह भी आरोप लगाया गया कि इन एजेंसियों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ है।
शिकायतों के बाद सरकार सतर्क
सूत्रों के अनुसार, नोडल एजेंसियों को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं। किसानों से खरीद केंद्र शुरू करने के लिए पैसे की मांग की गई, और कई एजेंसियों के निदेशक मंडल में एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य शामिल थे। विपणन विभाग को मिली शिकायतों के बाद सरकार ने इन एजेंसियों की समीक्षा करने का फैसला किया है।
नई नीति और एजेंसियों की मान्यता पर पुनर्विचार
सरकार अब नोडल एजेंसियों की नियुक्ति, नीति और उनके क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी। जो एजेंसियां तय मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी, उनकी मान्यता रद्द की जाएगी। इसके अलावा, नई नीति के तहत पात्र एजेंसियों का चयन किया जाएगा ताकि किसानों को सही लाभ मिल सके और MSP खरीद में पारदर्शिता बनी रहे।