मुंबई । हाल के प्री-मॉनसून सर्वे(pre-monsoon server) अनुसार बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने पूरे मुंबई में 216 जर्जर इमारतों की पहचान की है, जो पिछले साल 489 थी। 110 इमारतों के रहने वालों ने बेदखली के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है और नौ मामले तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के पास लंबित हैं।वहीं बीएमसी ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए 97 इमारतों को खाली करने का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
बोरीवली में जर्जर इमारतों को गिराने का शुरु हुआ काम, 97 घरों को खाली करने का नोटिस
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी अपनी ओर से ध्वस्त की जा रही 97 खतरनाक इमारतों के निवासियों को अपनी मर्जी से खाली करने के लिए राजी करने की पूरी कोशिश करेगी। लेकिन अगर उनके प्रयास विफल होते हैं, तो नागरिक निकाय इमारतों को गिराने पर विचार करेगा, बशर्ते उस समय इस तरह के कदम के खिलाफ कोई अदालती आदेश न हो।
पीछले मॉनसून कुर्ला में हुआ था घटना
नागरिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे जीर्ण-शीर्ण इमारतें (114) पश्चिमी क्षेत्र में हैं, उसके बाद (66) पूर्वी उपनगरों में और (36) द्वीप शहर में हैं। पिछले साल जून महीने में कुर्ला के पास घर गिरने से 19 लोगों की मौत हो गई थी।
क्या होती है पक्रिया
महानगर पालिक की नीति के अनुसार, 30 सालों से अधिक पुरानी इमारतें ऑडिट के योग्य हैं। एक सर्वे के अनुसार नागरिक निगम सालाना अलग श्रेणियों में इमारतों को वर्गीकृत करता है और तय करता है कि उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए या मरम्मत की अनुमति दी जानी चाहिए। जिन इमारतों को तुरंत गिराया जाना चाहिए, उन्हें सी-1 के रूप में चिह्नित किया जाता है। जब निवासी बिल्डिंग खाली नहीं करते हैं तो बीएमसी बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने के कड़े कदम उठाया जाता है।
नवी मुंबई
पीछले वर्षा के अकड़ों के अनुसार नवी मुंबई में ४७५ इमारते जर्जर स्थिति में चिन्हित किया गया था।