जो इंडिया/जयपुर, राजस्थान: (BJP seva pakhwada controversy)
शहर के RUHS अस्पताल में आयोजित भाजपा के “सेवा पखवाड़ा” कार्यक्रम के दौरान एक विवादित मामला सामने आया है। अस्पताल के कैंसर वार्ड में भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने मरीज को 10 रुपये का बिस्किट पैकेट सौंपा, फोटोग्राफी के लिए कुछ पल के लिए उस दृश्य का मंचन किया, और फोटो खिंचने के बाद उसी पैकेट को वापस ले लिया। यह पूरा दृश्य कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
यह घटना दिनाँक से नहीं जुड़ी हुई है, बल्कि “सेवा पखवाड़ा” कार्यक्रम के अंतर्गत हुई थी, जो भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में आयोजित किया गया था। जयपुर में यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से सटे अस्पताल परिसर में हुआ था।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो एवं फोटो में स्पष्ट दिखाई देता है कि महिला नेता मरीज को पैकेट देते समय मुस्करा रही थीं, कैमरा की ओर देख रही थीं, और जैसे ही फोटो खिंचवाया गया, वह पैकेट मरीज से वापस ले लेती हैं। इस तरह की कार्रवाई ने जनता में आक्रोश भर दिया है, और इसे “प्रचार चाल” बताकर आलोचना की जा रही है।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस घटना को “सेवा नहीं दिखावा” कहकर तीखे शब्दों में निशाना साधा है। कई लोगों ने लिखा कि यह जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है और असली मदद की बजाय सिर्फ एक दृश्यात्मक प्रदर्शन था। विपक्षी दलों ने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे जनसेवा के नाम पर सिर्फ छवि निर्माण कर रही हैं।
भाजपा की स्थानीय इकाई ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा है कि वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उनका कहना है कि पैकेट वापस लेना “व्यवस्था की सावधानी” थी, न कि अभिप्राय किसी तरह की अपमानकारी कार्रवाई का। लेकिन जनता इस सफाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रही है और वायरल वीडियो देखकर लोग पार्टी की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं।
इस विवादित घटना ने “सेवा पखवाड़ा” अभियान की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। राजनीति और जनसेवा के बीच की सीमाएं हर दिन पतली होती जा रही हैं, और इस मामले ने इसे बेपर्दा कर दिया है कि किस हद तक राजनीति छवि निर्माण बनाने के लिए कर सकती है।