नवी मुंबई| वाशी स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) के फल बाजार में हापुस आम की आवक तेज हो गई है | कोंकण के हापुस के साथ ही केरल और कर्नाटक से भी आमो की आवक हो रही है | कोंकण से हापुस के लगभग तीस हजार डिब्बे और कर्नाटक और केरल से 12 हजार 13 हजार पेटी आम रोजाना बाजार में आ रहे हैं। जिसके कारण कीमतों में गिरावट शुरू हुई है | कोंकण के लगभग 40% आम यूरोप और खाड़ी देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि 21 अप्रैल से शुरू होने वाले रमजान के दौरान खाड़ी देशों में अल्फांसो आमों की मांग बढ़ेगी। आने वाले दिनों में आपूर्ति बढ़ेगी और रोजाना आवक एक लाख पेटी आमों को पार कर जाएगी। एक व्यापारी ने बताया कि अप्रैल के दौरान आमो की आवक और अधिक होने पर कीमतों में अधिक गिरावट होगा |
हापुस के थोक विक्रेता विवेक केवट ने बताया कि एपीएमसी में सोमवार को देवगढ़ और रायगढ़ हापुस के तीस हजार 383 पेटी आम आए जब कि कर्नाटक से 12 हजार 591 पेटी आम की आवक हुई । इसके कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है | हापुस आमों के आकार के आधार पर आम का एक डिब्बा 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच बेचा जा रहा था। लेकिन कम होने शुरू हो गए इसका कारण दूसरे राज्यों से आम की आवक अधिक होना भी है | आम के एक पेटी में 4 दर्जन से 8 दर्जन आम आते हैं। अब मार्च में आम की आवक बढ़ते ही अब कीमतों में और गिरावट शुरू हो गई।
देवगढ़ किस्म की आवक में देरी
व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल मानसून की अवधि बढ़ने के कारण देवगढ़ हापुस के आगमन में देरी हुई है। सभी बाधाओं के बावजूद, किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भी उम्मीद थी कि मार्च में आपूर्ति बढ़ेगी। एपीएमसी फल बाजार के निदेशक संजय पानसरे ने बताया कि बाजार में आम की आवक में तेजी आई है। महीने के आखिरी तक लगभग एक लाख बॉक्स आवक शुरू हो सकते है इससे कीमतों में गिरावट और होगी |