मुंबई।सरकारी बीमा कंपनियों के कमाचारियो ने केंद्र सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए 27 जुलाई से दो दिवसीय हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। इस हड़ताल में 58 हजार से अधिक कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया गया है।
द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड जीआईसी (मुंबई) के कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। कर्मचारियों का मोदी सरकार पर आरोप है कि 5 साल होने को हैं लेकिन सुधारित वेतन करार की मांग पर सरकार निष्क्रिय बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह हड़ताल होगी।
जनरल इंश्युरन्स एप्लाॅईज यूनियन के अध्यक्ष उदयन बैनर्जी के अनुसार पिछले पांच साल के वेतन संशोधन को 2012 से पूरा किया, जो 2017 को समाप्त हुआ था। अब वेतन संशोधन 1 अगस्त 2017 से लंबित है और 31 जुलाई 2022 को पांच साल पूरे हो जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वेतन में करीब दो साल पहले जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड के लिए एक साल पहले वेतन संशोधन किया गया था, तब जनरल इंश्युरन्स कर्मचारियों के सुधारित वेतन करार की मांग को नजरंदाज किया गया, इसलिए हम हड़ताल पर जा रहे हैं। यूनियन के (पश्चिमी क्षेत्र) के नेता व कार्यकारी अध्यक्ष ललित सुवर्णा के अनुसार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीएफएस और प्रशासन में किसी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। हमें हमेशा खोखले वादे ही मिले हैं। सचिव जितेंद्र इंगले के मुताबिक हमने वेतन करार की मांग को हासिल करने के लिए हर लोकतांत्रिक विकल्पों का इस्तेमाल किया। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।