नवी मुंबई। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया पिछले दिनों पेट्रोल, डीजल सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इस बीच गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई की मार झेल रहा है, उसी आग में घी डालने का काम मूंगफली तेल के दामों ने कर दिया है। मूंगफली तेल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोग विरोध कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में बाजार में भाव में 90 रुपये की तेजी आई है। 15 किलो के कैन की कीमत बढ़कर रु 3,050 तक बोली जा रही है। आने वाले दिनों में सरकार ने यदि काबू नहीं किया तो दाम 3,200 तक जाने की संभावना है।
इस वर्ष मूंगफली के सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात में लगभग 42.64 लाख टन मूंगफली की बंपर फसल हुई है। यानी इसमें से 15 किलो के तेल के लगभग 6.65 करोड़ केन का उत्पादन अनुमानित है और इस प्रचुर उत्पादन के बावजूद, बाजार में हो रहे “खेलें एवं विदेशों में मूंगफली की बंपर निर्यात के चलते के दाम काबू के बाहर है। जिसके चलते गरीब और मध्यम वर्ग को एक और महंगाई का झटका झेलना पड़ रहा है। महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर मूंगफली की निर्यात पर रोक लगानी चाहिए ताकि देश के लोगों को देसी तेल जोकि सेहत के लिए फायदेमंद है खाने मिले और अन्य तेलों के दाम भी इससे काबू में रह पाएंगे।