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लगभग 2000 करोड़ से अधिक के मकान और दुकान पर अवैध कब्जा
कोपरखैरने में सर्वाधिक 853 दुकानों और घरों पर कब्जा
मुंबई | सिडको द्वारा कराए गए स्वयं के एक सर्वेक्षण में सिडको द्वारा निर्मित लगभग 1200 से ज्यादा यूनिट पर अवैध कब्जा किये जाने और सिडको की संपत्ति से संबंधित लगभग 18000 फाइल के सिडको रिकॉर्ड में उपलब्ध न होने की बात इस सर्वेक्षण में सामने आई है। इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के सामने आने के बाद सिडको प्रशासन में हड़कंप मच गया है और संभावना जताई जा रही है कि सिडको के लगभग 2000 करोड़ से ज्यादा के मकानों और दुकानों पर फर्जी लोगों ने अपना कब्जा जमा रखा है। सिडको के सांख्यिकी विभाग द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रति सिडको के सतर्कता विभाग को देते हुए इस रिपोर्ट की सघन चौकशी किये जाने का निर्देश सतर्कता विभाग(विजिलेंस डिपार्टमेंट) को दिए जाने का खुलासा आरटीआई अंतर्गत निकाले गए जानकारी में हुआ है। जिसका दबंग दुनिया के पास इस संदर्भ में अधिकृत जानकारी मौजूद है।
1200 यूनिट पर फर्जी लोगों का कब्जा
सिडको द्वारा निर्मित मकानों और दुकानों के क्रय विक्रय की सही संख्या और नही बिके हुए मकानों और दुकानों की वर्तमान स्थिति को जानने के लिए सिडको की तरफ से एक निजी कंपनी ध्रुव कंसलटेंट को पूरे नवी मुंबई के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी। इस कंपनी ने लगभग 1 साल की कड़ी मेहनत के बाद जो सर्वेक्षण रिपोर्ट सिडको को सौंपी, उस रिपोर्ट ने पूरे सिडको प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।कंपनी के सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि सिडको निर्मित घरों और दुकानों से संबंधित लगभग 18000 फाइलों का सिडको में कोई भी रिकॉर्ड मौजूद नही है। इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ है कि सिडको के न बिके हुए लगभग 1200 यूनिट पर अवैध रूप से अन्य लोगों ने कब्जा जमा लिया है। सबसे ज्यादा 853 यूनिट पर अवैध कब्जा कोपरखैरने में किया गया है। कोपरखैरने में तो सिडको के यूनिट पर अवैध कब्जा करके उसपर अव 6 से 7 मंजिलों की अवैध बहुमंजिली इमारतें खड़ी कर दी गई हैं।
इस संदर्भ में तत्कालीन सांख्यिकी विभाग के प्रमुख एल एस शेख ने जानकारी दी है कि सिडको की रिकॉर्ड में जो 18000 फाइल मौजूद नहीं हैं, उसकी खोजबीन का अंतिम दौर चल रहा है और आने वाले 1 महीने में इनकी सही संख्या का निर्धारण हो जाएगा। शेख के अनुसार इस संभावना को नकारा नही जा सकता कि सिडको के जिन यूनिट के फाइल सिडको में मौजूद नहीं हैं और उस घर में रह रहे लोगों के पास मौजूद हैं, उनमें से ज्यादातर फाइल फर्जी हों। इसलिए इस पूरे मामले के जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस डिपार्टमेंट को सौंपी गई है।शेख ने यह भी स्पष्ट किया था कि सिडको के लगभग 1200 यूनिट पर अवैध कब्जा किये जाने की बात तो पूरी तरीके से सिद्ध हो चुकी है और अवैध कब्जा धारकों के ऊपर उचित कानूनी कार्रवाई करने की पहल भी सिडको ने शुरू कर दी है।“आरटीआई एक्टिविस्ट राजीव मिश्रा ने बताया कि हाल ही में सिडको के 100 से अधिक भूखंड पर कब्जा किये जाने का खुलासा हुआ था। उसके बाद सिडको विजलेंस विभाग द्वारा नवी मुंबई आर्थिक गुन्हे शाखा में शिकायत कर जांच कराया जा रहा है। इस से मुझे संदेह हुआ की सिडको निर्मित घरों पर भी कब्जा हो सकते है। इसके बाद जब मै ने आरटीआई अंतर्गत जानकारी निकाली तब इसका खुलासा हुआ है। इसको लेकर जल्द ही पुलिस आयुक्त और सिडको एमडी से शिकायत कर गंभीरतापूर्वक जांच की मांग किये थे | लेकिन सिडको के तरफ से इस बारे में जानकारी देने से टालमटोल किया जा रहा है | “
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