जो इंडिया / नवी मुंबई।
इस कार्यक्रम में सुप्रिया सुले ने बताया कि कैसे उन्होंने खुद लोकसभा में अंग्रेज़ी में शपथ ली ताकि ये दिखाया जा सके कि महाराष्ट्र के लोग किसी से कम नहीं। लेकिन शपथ के बाद उन्होंने मराठी भाषा में भाषण देना चुना। उन्होंने कहा, “मैं किसी भाषा के खिलाफ नहीं हूं। मेरे बच्चे अंग्रेज़ी स्कूल में पढ़े हैं। लेकिन मातृभाषा के प्रति सम्मान होना चाहिए। मातृभाषा को महत्व दीजिए। माँ से प्रेम करें, मौसी से भी प्रेम करें, लेकिन माँ तो माँ होती है।’’
उन्होंने माताओं से विशेष अपील की कि वे अपने बच्चों से घर में मराठी में ही बात करें। “अगर आप मराठी बोलेंगे तो बच्चे भी मराठी बोलेंगे। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि मराठी को जिंदा रखें। सभी भाषाओं का आदर करें, लेकिन पहली से ही बच्चों पर दूसरी भाषा थोपना सही नहीं है,’’ उन्होंने कहा।
इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित करते हुए महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया।
🗞️ हनीट्रैप विवाद पर जवाब
मीडिया से बातचीत में जब उनसे महाराष्ट्र में हाल ही में सामने आए हनी ट्रैप विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करने का अधिकार महाराष्ट्र के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कल विधानसभा में नाना पटोले द्वारा उठाया गया था और अब राज्य के जिम्मेदार नेता ही सच बता सकते हैं।
सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र एक ‘संस्कारी राज्य’ है जिसने हमेशा हर भाषा, हर राज्य और हर धर्म का सम्मान किया है। उन्होंने अफसोस जताया कि अगर महाराष्ट्र के ही नेता राज्य के खिलाफ बोलेंगे तो यह दुखद है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र हमेशा से संस्कृति और आदर का प्रतीक रहा है। हम किसी का अपमान कल भी नहीं करते थे, आज भी नहीं करते और आगे भी नहीं करेंगे।’’