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‘वेदान्त’ परियोजना में अधिक कमीशन मांगने के करना परियोजना राज्य से बाहर जाने का आरोप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीकेसी के मैदान पर आयोजित
शिंदे गुट की दशहरा सम्मेलन में लगाया था। इस आरोप के बारे में मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अजीत पवार ने शिंदे को चुनौती देते हुए कहा कि कमीशन अधिक मांगा गया था, इस आरोप को सिद्ध करके दिखाए। उनका यह धंधा झूठा है। वेदांता को सहूलियत देने के संदर्भ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जुलाई महीने में बैठक हुई थी। आज उनके विचारों की सरकार केंद्र और राज्य में है। युवाओं का आक्रोश अपने ऊपर न आए, इसलिए यह वक्तव्य किया है। मुख्यमंत्री ने सदन में जवाब देते हुए बताया था कि वेदांत परियोजना आ रही है और अब अधिक प्रतिशत इत्यादि के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है, ऐसी टिप्पणी अजीत पवार ने की। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दशहरा रैली के मौके पर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की कड़ी आलोचना की।
इस बार उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने के फैसले पर निशाना साधा। मीडिया द्वारा शिंदे की टिप्पणी पर पूछे गए सवाल पर प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने बारामती में जवाब दिया। अजीत पवार ने कहा कि शिंदे के आरोप का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कैबिनेट में थे, मेरी बगल में बैठते थे। तब मैंने कभी नहीं सुना कि झंडा शिवसेना का है, लेकिन एजेंडा राष्ट्रवादी पार्टी का है। इस मौके पर अजीत पवार ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि “एसटी को दस करोड़ देकर लोगों की व्यवस्था की गई थी।त्योहार के दिनों में वहां चलने वाली बसें आम यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनी। ऐसा कई लोगों ने मुझे ऐसा बताया। शिंदे के भाषण के बारे उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से लंबे भाषण थे। महाराष्ट्र की जनता और खासकर मतदाता, शिवसैनिक, हम क्या करें, हमारी अगली भूमिका क्या होनी चाहिए, किसके साथ खड़ा होना चाहिए, किसकी मूल शिवसेना है, इस पर विचार करना चाहिए। ऐसा आह्वान अजीत पवार ने इस मौके पर किया।
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