मुंबई। केंद्र और राज्य सरकारों के उद्योगों (Industries of the central and state governments) को बढ़ावा देने के दावों के बावजूद महाराष्ट्र का चटाई उद्योग (Mat Industry) गंभीर संकट का सामना कर रहा है। जलगांव में स्थित यह विश्व प्रसिद्ध चटाई उद्योग, जो भारत में बने चटाई का लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन करता है और विदेशों में निर्यात होता है, अब अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
जीएसटी और बढ़ती बिजली दरों (GST and rising electricity rates) के कारण इस उद्योग का उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हुई है। पिछले छह महीनों में जलगांव के लगभग 150-160 चटाई कारखानों में से 25-30 बंद हो चुके हैं, जिसके कारण 30,000 से अधिक मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
इस उद्योग के मालिकों का कहना है कि सरकार की उदासीन नीतियों और नाकाफी समर्थन के चलते यह संकट उत्पन्न हुआ है। जलगांव में सालाना 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले इस उद्योग को बचाने के लिए उद्योगपतियों ने बिजली दरों में कमी, स्क्रैप पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करने, और सरकारी अनुदान बढ़ाने की मांग की है।
अगर यह उद्योग बंद हुआ तो लाखों लोगों को बेरोजगार होने का खतरा है।