नवी मुंबई: टोरेस कंपनी (Torres Company) के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें नवी मुंबई में 193 निवेशकों से 4.50 करोड़ रुपये ठगे गए हैं। पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा के तहत जांच तेज कर दी है। अब तक की जांच में पता चला है कि कंपनी ने निवेशकों को आकर्षक ब्याज और मोइसानाइट (Interest and Moissanite) के अत्यधिक रिटर्न का लालच देकर उन्हें धोखा दिया।
पुलिस उपायुक्त अमित काले (Deputy Commissioner of Police Amit Kale) के अनुसार, आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) ने सानपाड़ा स्थित टोरेस कंपनी के कार्यालय से हार्ड डिस्क, लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। इसके अलावा, एफआईयू ने एक पुलिसकर्मी को फर्जी ग्राहक बनाकर कंपनी से मोइसानाइट पत्थर खरीदने की कार्रवाई की, जिसके बाद धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
दो महीने पहले, जब पुलिस को धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिली, तो एफआईयू ने जांच शुरू की थी। कंपनी ने निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज का वादा किया था और यह विश्वास दिलाया था कि भविष्य में मोइसानाइट का मूल्य हीरे से भी अधिक होगा। जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी के पास निवेश जमा करने का कोई अधिकार नहीं था। जैसे ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, कंपनी के प्रबंधक शोरूम बंद करके फरार हो गए।
आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की आगे की जांच कर रही है। पुलिस ने इस बात की संभावना जताई है कि शिकायतकर्ताओं की संख्या और धोखाधड़ी की राशि दोनों में वृद्धि हो सकती है।