गर्मी बहुत सताएगी
तीन महीने चढ़ा रहेगा ताप
मुंबई:- इस साल देशभर में लोगों को गर्मी खूब सताएगी (Heat will hurt)। अप्रैल से जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इन तीन महीनों की अवधि में ताप अपने चरम पर रहेगा। साथ ही आग उगलती सूरज की किरणों के चलते धरती से भाप निकलेगा, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस साल केंद्रीय, पूर्वी और उत्तर पश्चिम भारत में भी लू ज्यादा दिनों तक चलेगी। हालांकि उत्तर पूर्वी राज्यों और दक्षिण के पठार इलाके में तापमान सामान्य ही रहेगा। दूसरी तरफ आईएमडी ने अप्रैल के महीने में बारिश को लेकर भी भविष्यवाणी की है। विभाग का कहना है कि अप्रैल में सामान्य बारिश होने की संभावना है। उत्तर पश्चिमी, मध्य और प्रायद्वीपीय क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है, जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर हिंदुस्थान में सामान्य से कम बारिश की संभावना है।
भीषण गर्मी की संभावना को लेकर आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि साल 2023 में गर्मी के मौसम यानी अप्रैल से जून के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय हिंदुस्थान और उत्तर पश्चिमी हिंदुस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि दक्षिण प्रायद्वीपीय हिंदुस्थान और उत्तर पश्चिमी हिंदुस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या उससे कम रह सकता है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर और उत्तर पश्चिमी हिंदुस्थान और प्रायद्वीपीय क्षेत्र के दूरदराज हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे अधिक रहने की संभावना है।
सताएगी गर्मी
वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में चलने वाली लू के दिनों और उसके प्रभाव में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से गर्मी ज्यादा रहेगी। अप्रैल महीने में बारिश सामान्य रहेगी। वहीं पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाकों में बारिश सामान्य से थोड़ी कम रहने का अनुमान है।
अल नीनो के असर से बढ़ेगी गर्मी
बता दें कि तापमान को प्रभावित करने वाली मौसमी घटना अल नीनो की तीन साल बाद वापसी हो रही है। अल नीनो के असर से 2023 में तापमान में वृद्धि होने की आशंका है। हवा, महासागरीय धारा, समुद्री और वायुमंडलीय तापमान और जीवमंडल के बीच संतुलन टूटने से अल नीनो बनता है, जिससे समुद्री जल का तापमान बढ़ जाता है। अल नीनो से प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर बदलाव होते हैं, जिसका दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है।
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