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मतदान के बाद मनपा ने, जारी किया जुल्मी फतवा, प्रॉपर्टी टैक्स भरो, वर्ना संपत्ति होगी कुर्क, फतवे ने मचाई खलबली, 10 बड़े प्रापर्टी मालिकों का बाकी है 600 करोड़

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मुंबई। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में बुधवार को जैसे ही मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई, वैसे ही दूसरे दिन यानी कल मुंबई मनपा ने बकायेदार संपत्ति धारकों के लिए जुल्मी फतवा जारी कर दिया। मनपा द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करें अन्यथा आपकी संपत्तियों को कर्क कर लिया जाएगा। मनपा के इस फतवे ने मुंबई में बकायेदार संपत्ति धारकों में खलबली मचा दी है। इस बीच मनपा प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मुंबई में 10 ऐसे बड़े प्रापर्टी मालिक हैं, जिन पर 600 करोड़ का बकाया है।

उल्लेखनीय है कि प्रॉपर्टी टैक्स मनपा के राजस्व का मुख्य स्रोत है। हालांकि, मुंबई शहर में बड़ी संख्या में ऐसे बकायेदार हैं, जिन पर केस सालों का करोड़ों रुपयों का टैक्स बकाया है। दूसरी तरफ आरोप लग रहे हैं कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने के चलते इन बकायेदारों को मनपा संरक्षण दे रही थी, ताकि इसका लाभ सत्तारूढ़ दल को मतदान के समय मिल सके। लेकिन, जैसे ही मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई, मनपा प्रशासन ने अपना असली चेहरा दिखाते हुए ऐसे बकायेदारों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। इसके तहत जारी किए नोटिस में सख्त तौर पर ताकीद किया गया है कि यदि 90 दिनों के भीतर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना होगा। इस अवधि में टैक्स नहीं चुकाने पर मनपा चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू करेगी। सबसे पहले एक ‘डिमांड लेटर’ भेजा जाएगा। इसके बाद अगला कदम संपत्ति धारक को 21 दिन का अंतिम नोटिस दिया जाएगा।

फिर की जाएगी नीलामी

मनपा ने धारा 203 के तहत जब्ती नोटिस जारी किया है। यदि निर्धारित अवधि के भीतर टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उक्त प्रापर्टी को मुंबई महानगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार धारा 204, 205, 206 के तहत जब्त और नीलाम कर दिया जाएगा।

मनपा ने की अपील

मुंबई शहर और उपनगरों में प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से जन जागरूकता फैलते हुए अपील की जा रही है। नागरिकों को टैक्स जमा करने में असुविधा न हो इसके लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है।

टॉप टेन बकायेदारों की सूची

१) दि रघुवंशी मिल्‍स् लिमिटेड (जी दक्षिण विभाग) – ११९ करोड़ ५८ लाख ९८ हजार ६०० रुपए।
२) मेसर्स ओंकार डेवलपर्स प्रा. लि. (जी दक्षिण विभाग) – १०४ करोड़ ७८ लाख २५ हजार ७१३ रुपए
३) जे. कुमार इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि. (एच पूर्व विभाग) – ७१ खरीद ९८ लाख ०३ हजार ४४५ रुपए
४) जे. कुमार इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि. (एच पूर्व विभाग) – ६७ करोड़ ५२ लाख १० हजार ५०२ रुपए
५) मेसर्स स्‍टर्लिंग इन्‍वेस्‍टमेंट कॉर्पोरेशन लि.(जी दक्षिण विभाग) – ५५ करोड़ १० लाख ५६ हजार ९५६ रुपए
६) मेसर्स विमल असोसिएट्स (के पूर्व विभाग) – ४१ करोड़ ७४ लाख ११ हजार २१५ रुपए
७) दि रघुवंशी मिल्‍स लि. (जी दक्षिण विभाग) – ३८ करोड़ ४८ लाख ६७ हजार ७९५ रुपए
८) प्रोविनेंस लैंड प्रा. लि. (जी दक्षिण विभाग) – ३३ करोड़ ६९ लाख ०७ हजार ७९ रुपए
९) समीर एन. भोजवानी (के पश्चिम विभाग) – ३३ करोड़ ३९ लाख ४५ हजार ४० रुपए
१०) मेसर्स श्रीराम मिल्‍स लि. (जी दक्षिण विभाग) – ३३ करोड़ २३ लाख ५४ हजार ९६५ रुपए

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