Slums will have to pay tax in the Municipal Corporation’s budget / joindia
मुंबई। मुंबई की आर्थिक राजधानी ( Mumbai is the economic capital) की लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी झोपड़पट्टी (slum) इलाकों में रहती है, और इन इलाकों में छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठान जैसे दुकानें, कारखाने, होटल और अन्य संस्थान (Shops, factories, hotels and other institutions) चलते हैं। आर्थिक संकट को देखते हुए मुंबई मनपा ने अब इन झोपड़पट्टी क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों पर भी कमर्शियल टैक्स लगाने का निर्णय लिया है।
मनपा के अनुसार, मुंबई में करीब 8 लाख झोपड़े हैं, जिनमें से तीन लाख से अधिक झोपड़ियां व्यापारिक गतिविधियों के लिए उपयोग की जाती हैं। यह कदम पहली बार लिया जा रहा है, जब किसी महानगरपालिका ने झोपड़पट्टी इलाकों में छोटी दुकानों, होटलों, चाय की दुकानों पर भी कर लगाने का फैसला किया है। मनपा के अधिकारियों का कहना है कि यह टैक्स झुग्गीवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होगा।
मनपा के अनुसार, इस कदम से लगभग 1,350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। मनपा आयुक्त ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “जो भी मुंबई मनपा के संसाधनों का लाभ उठा रहा है, उसे कर चुकाना होगा।”
मुंबई मनपा का बजट: तिजोरी खाली, आय का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं
मुंबई मनपा ने हाल ही में 2025-26 का बजट पेश किया है, जिसमें कुल बजट को 14.19 प्रतिशत बढ़ाकर 74,427.41 करोड़ रुपये किया गया है। यह बजट पूरी तरह से चुनावी माना जा रहा है, लेकिन इस बजट में आय के स्रोतों के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, मनपा के पास 80,000 करोड़ रुपये की एफडी बची है, जिसे तोड़कर इस बजट के घाटे की भरपाई की जाएगी।
यह बजट आर्थिक बोझ को दर्शाता है, क्योंकि मनपा के खर्चों में भारी वृद्धि हो रही है, लेकिन आय के साधन स्पष्ट नहीं हैं।