मुंबई । स्कूल बस एसोसिएशन ने इस साल स्कूल बस की फीस लगभग 20 फीसदी बढ़ाने ( School bus fees hike) का निर्णय लिया है।इस निर्णय के अनुसार आने वाले सत्र से शुल्क में वृद्धि की जाएगी।पिछले साल एसोसिएशन ने स्कूल बस के किराए में 30 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। कोरोना काल में किराया नहीं बढ़ाए जाने के कारण सीधे शुल्क में 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई थी ।लगातार दूसरे साल फीस में बढ़तोरी होने से अभिभावकों में नाराजगी देखी जाने लगी है।
स्कूल बस एसोसिएशन के तरफ से बताया गया है कि डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ ही बस के पार्ट्स की लागत में वृद्धि के कारण उनपर लोड बढ़ा हुआ है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने पंद्रह साल से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाली है। एसोसिएशन के तरफ से बताया गया है कि नई बसों की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई हैं। अब एक नई बस की कीमत 28 लाख रुपये है, जबकि एक मिनी बस की कीमत 21 लाख रुपये है।साथ ही स्पेयर पार्ट्स, बैटरी की कीमतों में 12 से 18 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।बस चालकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की गई है।इसलिए एक अप्रैल से स्कूल बसों के किराए में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। प्रस्तावित बढ़ोतरी को सही ठहराते हुए अनिल गर्ग ने कहा है कि बस निर्माण लागत प्रति वाहन 1.5 से 2 लाख रुपये तक बढ़ गई है और अब मिनीबस खरीदने के लिए हमें 28 लाख रुपये और टेंपो ट्रैवलर खरीदने के लिए 21 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। बाकी खर्च देखते हुए बस किराए में बढ़ोतरी की जरूरत है।