मुंबई । पार्क साइट पुलिस (Park site police) का कारनामा सामने आया है। पुलिस ने धर्मांतरण (Religious conversion) कराने वालों के हमले का शिकार हुए एक युवक पर मोबाइल चोरी का झूठा केस दर्ज किया है। इतना ही नहीं, पीड़ित की शिकायत दर्ज करने के बजाए उस पर ही चोरी की एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। जबकि धर्मांतरण करवाने वाले मिशनरियों के हमले में युवक को गंभीर चोटें आयी। उसे राजावाडी अस्पताल (Rajawadi Hospital) में इलाज के लिए ले जाया गया। इस वारदात से लोगों में भारी रोष है।
गरीब महिलाओं का धर्मांतरण कराने की कोशिश
विक्रोली (प.) के पार्क साइट स्थित वर्षा नगर के उपाध्याय हाउसिंग सोसायटी सीताराम राजभर नामक व्यक्ति के घर में 22 मार्च को दोपहर 2 बजे झोपड़पट्टी में रहने वाली गरीब महिलाओं को बहला फुसला कर इकट्ठा किया गया था। वहां इशू की प्रार्थना के नाम पर महिलाओं का धर्मांतरण करवाने की कोशिश की जा रही थी।
बहन के साथ गाली-गलौज
जब गुढीपाडवा के दिन दोपहर 2 बजे उनकी गतिविधियां चल रही थी, पड़ोस में रहने वाली नीलम पांडे वहां देखने गई और पूछा कि यहां क्या चल रहा है? इस बात को लेकर दो से तीन महिलाएं उनके साथ गाली गलौज करने लगी।
मोबाइल चोरी की एफआईआर दर्ज
जब नीलम का भाई नीरज वहां गया, तो उस पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उसे बुरी तरह से मारा पीटा गया. विक्रोली पुलिस ने पीड़ित नीरज पर ही चोरी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। विक्रोली पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस निरीक्षक विनायक मेर से जब इस विषय में बात हुई, तो उन्होंने ने कहा कि युवक के खिलाफ मोबाइल छीनने का उनके पास सबूत है।
पुलिस की एफआईआर पर बड़ा सवाल
मारपीट में मोबाइल की छीना झपटी होती है, तो मोबाइल चोरी का केस बनता है क्या? यह बड़ा सवाल है, जबकि लोगों की मोबाइल चोरी होती है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है.
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