मुंबई -(NCB) ड्रग माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से खरीदी गई 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी की गिरफ्त में आ गई है। डोंगरी, मस्जिद बंदर, कोलाबा और मुंबई के अन्य इलाकों की संपत्तियां इस कार्रवाई में शामिल हैं। ड्रग माफियाओं ने नशे के कारोबार से कमाए गए पैसे से बेनामी नाम से संपत्तियां खरीदीं।
जांच में पता चला है कि ड्रग माफिया अपना पैसा बेनामी संपत्तियों में लगा रहे हैं। इसके अलावा एनसीबी की जांच में पता चला है कि ड्रग माफिया ने महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में गोदामों और अन्य संपत्तियों में भी निवेश किया है। हैरानी की बात यह है कि एनसीबी को पता चला कि ड्रग माफिया से जुड़ी कुछ संपत्तियां कुत्ते और बिल्लियों जैसे पालतू जानवरों के नाम पर पंजीकृत थीं।
ड्रग माफिया जांच से बचने के लिए यह हथकंडा अपना रहे हैं।इसके अलावा यह बात भी सामने आई है कि माफियाओं ने एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का कारोबार करने वाली कंपनियों या फिर रियल एस्टेट सेक्टर में पैसा लगाया है। जांच से पता चला कि मुंब्रा की एक महिला, जो नशीले पदार्थ बेचती थी, ने 15 फ्लैट खरीदे थे।
इस कार्यप्रणाली के अलावा, एनसीबी ने ड्रग माफिया सिंडिकेट द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक और नई तकनीक की पहचान की है। एनसीबी के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज बनाकर भी संपत्तियां अर्जित की गईं। जिससे जांच एजेंसियों के लिए असली आरोपियों तक पहुंचना नामुमकिन हो जाए.
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