जो इंडिया/ मुंबई
मुंबई लोकल ट्रेन नेटवर्क (Mumbai Local Train Network) में सात प्रमुख स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने यह निर्णय शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर (Cultural and historical heritage) को सम्मान देने और स्थानीय पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया है।
🔹 बदले गए स्टेशनों के नए नाम
पुराना नाम नया नाम
1) currey road 1) लालबाग (lalbaug)
2) Sandhurst road। 2) डोंगरी (dongari)
3)marine lines 3)मुंबादेवी (mumbadevi)
4) Charni road 4) गिरगांव (girgaon)
5) cotton green 5) कालाचौकी (kalachowki)
6) Dockyard road। 6) माझगांव (mazgaon)
7) king’s circle। 7) तीर्थंकर पार्श्वनाथ। (Tirthankar
8)Mumbai Central 8) नाना जगन्नाथ शंकरशेठ
📌 नाम बदलने का कारण
✔ ब्रिटिश-युग की विरासत को हटाना – पुराने नाम उपनिवेशवादी मानसिकता को दर्शाते थे, जिन्हें बदलकर स्थानीय संस्कृति को प्राथमिकता दी गई है।
✔ स्थानीय पहचान को बढ़ावा – नए नाम मुंबई के ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक स्थलों और प्रमुख क्षेत्रों से प्रेरित हैं।
✔ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व – मुंबादेवी, लालबाग गणपति और तीर्थंकर पार्श्वनाथ जैसे नाम धार्मिक स्थलों से जुड़े हैं, जो मुंबई की विविधता और परंपरा को दर्शाते हैं।
🚆 स्टेशन नाम परिवर्तन प्रक्रिया
- महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मार्च 2024 में मंजूरी दी थी।
- राज्य विधानमंडल में इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
- प्रस्ताव अब केंद्र सरकार की अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
📊 बदलाव का असर
🔹 यात्रियों पर प्रभाव – शुरू में यात्रियों के लिए भ्रम की स्थिति बन सकती है, लेकिन समय के साथ नए नाम स्वीकार कर लिए जाएंगे। रेलवे प्रशासन संकेतक और डिजिटल डिस्प्ले अपडेट करेगा।
🔹 स्थानीय गर्व में वृद्धि – यह कदम स्थानीय निवासियों को अपने क्षेत्रीय इतिहास और पहचान पर गर्व करने का अवसर देगा।
🔹 पर्यटन पर प्रभाव – धार्मिक स्थलों से जुड़े नाम पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मुंबई में स्टेशनों के नाम बदलने का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी कई प्रतिष्ठित स्टेशनों के नाम बदले गए, जैसे:
- विक्टोरिया टर्मिनस (VT) → छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)
- एल्फिन्स्टन रोड → प्रभादेवी
- ओशिवारा → राम मंदिर
मुंबई लोकल स्टेशन नाम परिवर्तन का यह निर्णय शहर की सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय पहचान को उजागर करने का महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल मुंबईकरों को गर्व महसूस होगा, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने में भी मदद करेगा।
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