नवी मुंबई । मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai Pune Expressway) जिसे ‘प्रगति के राजमार्ग'(Highway of progress)के रूप में जाना जाता है, वह अब एक अनुशासनहीन राजमार्ग बन गया है। इस रूट पर रोजाना लाखों-हजारों कारें दौड़ती हैं और यह बात सामने आई है कि कई लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। पिछले पांच माह में परिवहन विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने वाले 4 हजार 900 वाहनों पर कार्रवाई कर 7 करोड़ 22 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसमें तेज गति से कार चलाने वालों की संख्या करीब सात हजार है।
मुंबई-पुणे हाईवे पर हादसों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग ने वाहनों की अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा तय की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि भारी वाहन लेन अनुशासन का पालन करें और लेन कटिंग न करें। लेकिन लगता है कि वाहन चालक इसका पालन नहीं कर रहे हैं। दिसंबर 2022 से अब तक गति सीमा से अधिक 6 हजार 983 वाहनों पर कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही लेन काटने के मामले में 6 हजार 441 चालकों, बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने के मामले में 6 हजार 12 चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बिना बीमा और परमिट वाहनों की है लंबी संख्या
मुंबई-पुणे राजमार्ग के साथ-साथ राज्य भर में कई वाहन बिना बीमा या परमिट के चलते हैं। इसलिए दुर्घटना होने पर यह सवाल उठता है कि इसकी भरपाई कौन करे। पिछले पांच माह में परिवहन विभाग ने मुंबई-पुणे हाईवे पर बिना लाइसेंस वाले 1436 और बिना लाइसेंस वाले 364 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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