जो इंडिया / मुंबई:
बताया जा रहा है कि यह मुलाकात केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में गंभीर बातचीत भी हुई। इस बातचीत की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर है और इसे आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, जो कि कभी बाल ठाकरे के नेतृत्व में एक साथ काम करते थे, पिछले कई वर्षों से राजनीतिक मतभेद और पारिवारिक दूरी के कारण अलग-थलग हो गए थे। राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी, और तब से दोनों भाइयों के संबंधों में खटास बनी रही।
हालांकि, इस हालिया मुलाकात ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चौंका दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस भेंट का माहौल सकारात्मक रहा और दोनों नेताओं ने पारिवारिक संबंधों के साथ-साथ राज्य की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की।
क्या शिवसेना (उद्धव गुट) और एमएनएस साथ आ सकते हैं?
यह सवाल अब चर्चा में है। महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी और शिंदे गुट के बढ़ते प्रभाव के बीच राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की यह नजदीकी एक नया मोर्चा खोल सकती है