जो इंडिया / मुंबई: भारतीय रेलवे (Indian Railways
त्योहारों का समय नजदीक आते ही यह समस्या और विकराल हो गई है। खासकर गणेश चतुर्थी पर कोंकण और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में जाने वाले हजारों यात्रियों को टिकट बुकिंग के दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सेंट्रल रेलवे की ट्रेनों में एक हज़ार से अधिक वेटिंग वाले टिकट IRCTC एप पर दिख रहे हैं, जिससे यात्रियों में भ्रम और नाराजगी है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि टिकट बुकिंग के दौरान कुछ मिलीसेकंड के अंतर से कन्फर्म और वेटिंग टिकट बनते हैं, लेकिन यात्रियों का सवाल है कि जब सीमा 25% तय है, तो तकनीक के नाम पर नियम का उल्लंघन क्यों हो रहा है?
प्रोसेसिंग फीस पर सवाल
वेटिंग टिकट रद्द होने पर यात्रियों को पूरी रकम नहीं लौटाई जाती। प्रोसेसिंग फीस काटकर शेष राशि ही वापस की जाती है। यह स्थिति तब है जब गलती रेलवे सिस्टम की है। यात्री संगठन अब मांग कर रहे हैं कि 25% से अधिक वेटिंग टिकट स्वतः रद्द कर प्रोसेसिंग फीस सहित पूरी राशि लौटाई जाए।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते अधिकारी
जब इस गड़बड़ी के बारे में सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) के एमडी सत्यकुमार से पूछा गया, तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इस विषय पर बोलना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। वहीं सेंट्रल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर धनंजय नाईक से संपर्क नहीं हो सका।
यात्रियों की बढ़ती परेशानी और रेलवे की चुप्पी इस बात को दर्शाती है कि टिकटिंग प्रणाली में गंभीर सुधार की जरूरत है। अन्यथा हर त्योहार पर यात्रियों को इसी तरह लूटा जाएगा।