मुंबई। महाराष्ट्र (maharashtra) में 21 नए जिलों का निर्माण प्रस्तावित है, और इन नए जिलों की सूची 26 जनवरी को घोषित होने की संभावना है। राज्य के 35 जिलों में से कई का विभाजन कर 21 नए जिलों की स्थापना का प्रस्ताव है।
नए जिलों की सूची और उनके मूल जिलों से विभाजन की जानकारी इस प्रकार है:
मूल जिला: जळगांव, नया जिला: भुसावल
मूल जिला: लातूर, नया जिला: उदगीर
मूल जिला: बीड, नया जिला: अंबेजोगाई
मूल जिला: नाशिक, नए जिले: मालेगांव, कळवण
मूल जिला: नांदेड, नया जिला: किनवट
मूल जिला: ठाणे, नए जिले: मीरा-भाईंदर, कल्याण
मूल जिला: सांगली/सातारा/सोलापुर, नया जिला: माणदेश
मूल जिला: बुलढाणा, नया जिला: खामगांव
मूल जिला: पुणे, नया जिला: बारामती
मूल जिला: यवतमाळ, नया जिला: पुसद
मूल जिला: पालघर, नया जिला: जव्हार
मूल जिला: अमरावती, नया जिला: अचलपूर
मूल जिला: भंडारा, नया जिला: साकोली
मूल जिला: रत्नागिरी, नया जिला: मंडणगड
मूल जिला: रायगड, नया जिला: महाड
मूल जिला: अहमदनगर, नए जिले: शिर्डी, संगमनेर, श्रीरामपूर
मूल जिला: गडचिरोली, नया जिला: अहेरी
प्रमुख बिंदु:
प्रस्ताव की शुरुआत: 2018 में मुख्य सचिव की समिति ने 21 नए जिलों और 49 नए तालुकों के गठन का प्रस्ताव रखा था।
उदगीर जिला: लातूर और नांदेड जिलों के विभाजन से उदगीर जिले की स्थापना हुई है, जो 26 जनवरी 2025 से अस्तित्व में आएगा।
इतिहास:
महाराष्ट्र के गठन के समय 25 जिले थे। समय के साथ जिलों की संख्या बढ़ती गई। 2014 में ठाणे जिले से पालघर जिले का गठन हुआ था।
नए जिलों से होने वाले फायदे:
प्रशासन अधिक सुगम होगा।
स्थानीय विकास को गति मिलेगी।
नागरिकों की समस्याओं का समाधान तेजी से होगा।
यह प्रक्रिया आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।