जो इंडिया / मुंबई:
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स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि इन योजनाओं में शामिल अस्पताल हर महीने कम से कम 5 मरीजों का कैशलेस इलाज करें और स्वास्थ्य शिविर आयोजित करें।
यह फैसला पुणे की तनिषा भिसे नामक महिला की मौत के बाद लिया गया है, जिन्हें अस्पताल ने पैसे न होने पर इलाज देने से मना कर दिया था। इस घटना के बाद राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर असंतोष फैला था।
सरकार ने स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा के लिए एक समिति भी गठित की है, जो एक महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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