मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( CM Eknath Shinde) ने हाल ही में घोषणा की कि वह 1 अप्रैल से ई-ऑफिस (e-office) सिस्टम शुरू करेंगे, जो पेपर लेस लेनदेन पर ध्यान केंद्रित करेगा। उस दिशा में महावितरण(MSEB) ने बिलों के मामले में काम शुरू कर दिया है और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने अपील की है कि बिजली उपभोक्ता गो ग्रीन योजना का लाभ उठाकर पर्यावरण को बचाने में मदद करें और हर बिल पर 10 रुपये की छूट प्राप्त करें।
गो ग्रीन योजना में ग्राहकों को 10 रुपए की छूट
महावितरण की गो ग्रीन(go green) योजना में यदि ग्राहक मुद्रित कागजी बिलों के बजाय ईमेलb(email) द्वारा भेजे गए पेपर लेस बिलों का विकल्प चुनते हैं, तो वे कागजी बिल भेजना बंद कर देंगे और प्रति बिल 10 रुपये की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ई-ऑफिस सिस्टम का संदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किए हैं। एक ई-ऑफिस प्रणाली वास्तविक कागज का उपयोग करने के बजाय सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पेपर लेस कार्य पर केंद्रित है। यदि बिजली उपभोक्ता गो ग्रीन छूट का लाभ उठाते हैं, तो कागज के बिल कम होंगे और कागज का उपयोग कम होगा और पेपर लेस कार्य को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण की रक्षा होगी।
रजिस्ट्रेशन कराना होगा अनिवार्य
गो ग्रीन योजना से अब तक 3 लाख 56 हजार ग्राहक लाभान्वित हो चुके हैं। जो ग्राहक इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे महावितरण की वेबसाइट पर जाकर ग्राहक संख्या और बिलिंग यूनिट का विवरण भरकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। महावितरण के मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। रजिस्टर ग्राहक को एक ओटीपी नंबर भेजा जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि रजिस्टर सही ग्राहक द्वारा किया गया है। इसके बाद ग्राहक को उसके द्वारा प्रदान की गई ईमेल आईडी पर एक लिंक भेजा जाता है। सत्यापित करने के लिए लिंक पर क्लिक करने के बाद प्रक्रिया पूरी हो जाती है। अगले बिल के बाद से, ग्राहक को अपने बिल ईमेल द्वारा भेजे जाएंगे और पेपर प्रिंटेड बिल बंद कर दिए जाएंगे। ग्राहक जब चाहे ईमेल किए गए बिल का प्रिंटआउट ले सकता है। साथ ही सभी ग्राहकों को उनके बिल की नियमित जानकारी देने के लिए एसएमएस भी भेजा जा रहा है।
गो ग्रीन में पुणे मंडल आगे
गो ग्रीन योजना का लाभ उठाने वाले ग्राहकों में पुणे परिमंडल सबसे आगे है। इस सर्किल में 89,936 ग्राहक इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसके बाद कल्याण (40,144), भांडुप (34,917), नासिक (33,141) और बारामती (26,398) हैं। राज्य में महावितरण के 2 करोड़ 8 लाख घरेलू ग्राहक हैं।