गढ-किलों का संरक्षण, संवर्धन एवं अतिक्रमण को हटाने की मांग के साथ गढ-किले महामंडल’ का गठन करने की मांग के लिए
मुंबई । छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘हिन्दवी स्वराज्य’ के अविभाज्य अंग अर्थात उनके द्वारा दूरदृष्टि से बनाए गए गढ-किले ! छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक विरासत इन गढ-दुर्गाें की स्थिति आज दयनीय है । आज के समय उनकी ओर ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है । अनेक गढ-दुर्गाें पर घर, कब्र, दरगाह, मस्जिद एवं अन्य निर्माण कार्य कर बडे प्रमाण में अतिक्रमण हुआ है । छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को संजोना है, तो गढ-दुर्गाें पर किए गए अतिक्रमणों को तुरंत हटा देना चाहिए । कुल गढ-दुर्गाें की संख्या, अतिक्रमण की व्याप्ति तथा उनके संवर्धन की आवश्यकता को देखते हुए गढ-दुर्गों का जतन, संवर्धन, उनकी रक्षा तथा उन पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएं तथा इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ‘गढ-किले महामंडल’ का गठन करे, इस मांग को लेकर मुंबई में ‘गढ-किले रक्षा महामोर्चा’ का आयोजन किया गया है, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संघठक और ‘महाराष्ट्र गढ-किले रक्षा समिति’ के समन्वयक सुनील घनवट ने दी है ।
सुनील घनवट ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ द्वारा आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । इस समय ‘मराठा वॉरियर्स गडकिले संवर्धक (महाराष्ट्र राज्य)’के राहुल खैर, ‘शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान’के मुंबई विभाग धारकरी पुरुषोत्तम बाबर, ‘श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान (विक्रोळी)’के संस्थापक-अध्यक्ष प्रभाकर भोसले, महाराष्ट्र गढ-किले रक्षा समिति के निमंत्रक सागर चोपदार उपस्थित थे । *यह ‘गढ-किले रक्षा महामोर्चा’ शुक्रवार, दिनांक 3 मार्च को दोपहर 12 बजे ‘मेट्रो आइनॉक्स सिनेमा’ से आरंभ होकर ‘आजाद मैदान’ पर समाप्त होगा । इस समय घनवट ने बताया कि, इस मोर्चा में राज्यभर से विविध गढ-दुर्ग प्रेमी संगठन तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों के 25 से अधिक वंशज, साथही विविध संप्रदाय, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं धर्मप्रेमी नागरिक बडी संख्या में सम्मिलित होंगे ।
घनवट ने आगे कहा कि कुछ ही दिन पूर्व रायगढ किला, विशाळगढ किला, कुलाबा किला, लोहगढ किला, वंदनगढ किला आदि पर हुआ अतिक्रमण ध्यान में आया है । ‘श्रीक्षेत्र मलंगगढ’ को भी ‘हाजी मलंग’ बनाने का षड्यंत्र आरंभ है । ठाणे के ‘दुर्गाडी किले’ पर ईद के दिन जब नमाज पढी जाती है, उस समय मंदिर में पूजा भी बंद की जाती है । विशालगढ किले पर स्थित देवताओं के मंदिर, बाजी प्रभु तथा फुलाजी प्रभु की समाधियां जीर्ण स्थिति में हैं तथा अनेक स्थानों पर यह दिखाई देता है कि गढों की स्थिति बहुत दयनीय हु है; परंतु इन किलों पर बनाए गए दरगाहों का सुशोभिकरण करने के नाम पर अतिक्रमण बढ ही रहा है । इसे समय रहते रोक नहीं गया, तो भविष्य में प्रत्येक गढ-किलों की यही स्थिति होगी । शिंदे-फडणवीस की सरकार ने प्रतापगढ की तलहटी के पा स्थित अफजलखान की कब्र के इर्द-गिर्द किया गया अतिक्रमण हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में इस प्रकार से फालतू लाड-प्यार नहीं चलेगा, यह दिखा दिया है । उसी प्रकार से राज्य के 35 महत्त्वपूर्ण गढ-किलों पर किए गए ऐसे अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं, यह हमारी मांग है ।
मुंबई के साथ ही राज्य के विविध जिलों में ‘गढ-किले रक्षा महामोर्चा’ के लिए बडे प्रमाण में बैठकों, व्याख्यानों, संपर्क दौरे, हस्तपत्रकों का वितरण, फ्लेक्स फलक के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे प्रसार को समाज से उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिल रहा है । हम समस्त शिवप्रेमी, गढ-किलेप्रेमी, समस्त हिन्दू समाज से बडी संख्या में इस महामोर्चा में सम्मिलित होने के लिए आवाहन करते हैं । इस मोर्चा में सहभागी होने के लिए 7020383264 क्रमांक पर संपर्क करें, ऐसा ‘महाराष्ट्र गढ-किले रक्षण समिती’ की ओर से सूचित किया गया है ।