नवी मुंबई ।कॉन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया केन्द्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने खाने पीने से जुड़े पैक्ड प्रोडक्ट्स को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पैक वस्तुओं के लिए जारी नए नियम अब १ दिसंबर २०२२ से लागू होंगे। इस नियमों के अनुसार में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। केंद्र सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी, पैकेट कमोडिटी रूल्स में बदलाव कर दिया गया है। इसके तहत खाद्य तेल,दूध, चाय, बिस्किट, , आटा, बोतलबंद पानी और पेय, बेबी फूड, दाल, अनाज, सीमेंट बैग, ब्रेड एवं डिटर्जेंट जैसे १९ आइटम आएंगे।
आइटम पर मैन्युफैक्चरिंग डेट लिखना अब जरूरी होगा। नए नियम के अनुसार, पैकेज्ड आइटम में मानक से कम वजन है तो प्रति ग्राम या प्रति मिलीलीटर के हिसाब से दाम लिखना होगा जरूरी हैं। किसी पैकेट में १ किलो से ज्यादा सामान है तो उसका रेट १ किलो या १ लीटर के हिसाब से लिखना जरूरी होगा। कई कंपनियां कीमतों को आकर्षक बनाने के लिए कम वजन के पैकेट बाजार में लेकर आती रहती हैं।केंद्र सरकार ने फूड कंपनियों के लिए नियम बनाया था कि स्टैंडर्ड पैकिंग होनी चाहिए अब सामान बनाने वाली कंपनियों को पूरी आजादी होगी कि वह बाजार में जो पैकेज आइटम बेचती हैं, उसकी मात्रा खुद निर्धारित कर सकें।नए नियम के अनुसार, इंपोर्ट किए पैकेज आइटम पर महीने या मैन्युफैक्चरिंग ईयर के बारे में जानकारी देनी जरूरी होगी।
संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने कहा इस तरह मनचाहे वजन की पैकिंग की आजादी देने से बड़ी कंपनियां ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करेंगी कम पढ़े लिखे लोग इसको समझ नहीं पाएंगे और छोटी-छोटी पैकिंग में बिकने वाले प्रिंट कि हुए चीजें पढ़ने में भी दिक्कत आती है इसके लिए लोगों को सामान की मात्रा समझने में भी मुश्किलें बढ़ेंगी आखिरकार खामियाजा उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा इसलिए सरकार को स्टैंडर्ड पैकिंग में ही खाद्य पदार्थों की बिक्री करने का नियम जारी रखना चाहिए।